ग्रामीणों का आरोप 6 वर्षों से जमा लेखपाल कर शोषण
उरई (जालौन)(गोविंद सिंह दाऊ):-तहसील कालपी क्षेत्र की न्याय पंचायत संधी में लगभग 6 वर्षों से जमे लेखपाल द्वारा किए जा रहे निरंतर शोषण आत्मक रवैया से ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है लोगों ने लोगों ने लेखपाल के खिलाफ उच्च अधिकारियों को भेजे गए शिकायतकी प्रार्थना पत्र में तत्काल लेखपाल को हटाकर निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है।
मामले की जानकारी देते हुए ग्राम संधि के लोगों ने बताया कि लेखपाल मुन्ना सिंह चौहान विगत 6 वर्षों से गांव संधि में नियुक्त है जो बेहद निरंकुश रहकर ग्रामीणों के साथ शोषण आत्मक रवैया अपनाए हुए हैं चाहे 61 खा अथवा खसरा की नकल लेना हो तो उसकी दरवाजे की कई चक्कर काटने पड़ते है इसके बाद भी मोटी रकम लेने के बाद ही यहां के किसानों को नकल प्राप्त होती है गांव के लोगों ने प्रेषित किए गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि लेखपाल के द्वारा ही तालाब नंबर 1166 पर धन लेकर अवैध तरीके से उसकी भूमि पर कब्जा कराया गया और सिंचाई विभाग द्वारा उक्त तालाब की ठेके पर हो रही खुदाई मैं पूरे रकबा की नाप दिखाकर काम निपटा दिया गया अतिक्रमण आज भी बरकरार है इसी प्रकार गाटा संख्या 1105 जिसमें पंचायत भवन एवं मिलन केंद्र बना है उसनेभी दबंग लोगों के अवैधानिक तरीके से मकानों का निर्माण कार्य कराया जिनके विरुद्ध आज तक लेखपाल द्वारा ना कोई कार्रवाई की गई नाही सरकारी तंत्र को कोई सूचना दी गई परिणाम स्वरूप पंचायत भवन एवं मिलन केंद्र पर भी लोगों ने कब्जा करना शुरू कर दिया है ग्रामीणों का कहना है कि उक्त लेखपाल द्वारा इसी तरीके से ग्राम समाज एवं सरकारी जमीन पर लोगों का कब्जा होता रहा तू गांव में आने वाली तमाम सरकारी योजनाओं की आवासों के लिए जगह न मिल पाने के कारण गांव के लोग अन्य योजनाओं के लाभान्वित होने से वंचित रह जाए गे ग्रामीणों का कहना है कीउक्त लेखपाल कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से जिलाधिकारी सहित मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को रजिस्टर्ड डाक से भेजे गए प्रार्थना पत्र में लेखपाल को तत्काल हटाकर निष्पक्ष रुप से सक्षम अधिकारी से जांच कराए जाने की मांग की है शिकायत करता मैं मुख्य रूप से प्रेम नारायण तिवारी, हरी बाबू निरंजन, विनोद तिवारी,राम जी दुबे, गंगा प्रसाद, प्यारेलाल, नीलू चौबे, केदार शुक्ला, मंजू राजा, बृजेश सोनी सहित आदि ग्रामीण मौजूद रहे।