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ललितपुर। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद की भाजपा प्रत्याशी सरला जैन अभिलाषा करोड़पति हैं। उनके पास 8-9 करोड़ रुपये की चल अचल संपत्ति है। वहीं कांग्रेस, बसपा, सपा और समेत सभी प्रत्याशी लखपति हैं।
शहर में नपा चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ी हुई है। बड़े-बड़े दिग्गज नेता से लेकर व्यापारी परिवार की महिलाएं तक चुनाव मैदान में हैं। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के लिए 11 प्रत्याशी और 26 वार्डों में 151 वार्ड पार्षद उम्मीदवार के तौर पर चुनावी समर में उतरे हुए हैं। प्रत्याशियों द्वारा नामांकन फार्म के साथ शपथ पत्र भी जमा किए थे। जिसमें उनकी संपत्ति का पूरा ब्योरा दिया गया है।
इसमें भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी सरला जैन अभिलाषा करोड़पति हैं। उनके पास कुल 8-9 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति है। जिसमें करीब छह करोड़ रुपये की चल व करीब ढाई से तीन करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। वहीं कांग्रेस पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी निधि दुबे पर करीब 74 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति है। इसमें करीब 22-24 लाख रुपये की चल और करीब 49 लाख रुपये की अचल संपत्ति है।
बहुजन समाज पार्टी की उम्मीदवार क्रांति राकेश कुशवाहा के पास 10-11 लाख रुपये, समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी अरुणा कुमारी के पास 7-8 लाख रुपये, आम आदमी पार्टी प्रत्याशी मीना राजा के पास करीब नौ लाख रुपये की चल अचल संपत्ति है।
निर्दलीय प्रत्याशियों में प्रभा सबसे अमीर
राष्ट्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों में भाजपा प्रत्याशी सबसे अमीर हैं, तो निर्दलीय प्रत्याशियों में प्रभा अन्य प्रत्याशियों से कम नहीं है। प्रभा के पास करीब 90 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति है। जिसमें 50-55 लाख रुपये की चल व 30-35 लाख रुपये की अचल संपत्ति है। रूबी चंदेल के पास करीब 26 लाख, सरोज के पास करीब 22 लाख, राबिया बानो के पास करीब 13 लाख और वंदना के पास करीब 11 लाख रुपये की चल अचल संपत्ति है। वहीं नपा अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों में सबसे कम संपत्ति हेमलता के पास है। उनके पास डेढ़ से तीन लाख रुपये की चल संपत्ति है।
वार्ड पार्षद भी किसी से कम नहीं, कई हैं लखपति
नगर निकाय चुनाव वर्ष 2017 में हुए थे तब कुछ ऐसे प्रत्याशी पार्षद का चुनाव जीते थे जिनकी चल संपत्ति काफी कम थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। नगर पालिका परिषद के वार्ड पार्षद पद के लिए कई ऐसे प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। जिनकी चल-अचल संपत्ति लाखों में हैं।
निकाय चुनाव के खर्च पर आयोग की नजर
चुनाव में प्रत्याशी तय सीमा से ज्यादा खर्च न कर सके। इस पर निर्वाचन आयोग की पैनी नजर बनी हुई है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने इसके लिए उड़न दस्ते बनाए है। प्रत्याशियों के खर्च पर लगतार नजर रखी जाएगी। इसके साथ यह भी देखा जाएगा कि मतदाताओं को लुभाने या प्रभावित करने के लिए प्रत्याशी धनबल का प्रयोग तो नहीं कर रहे हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने इसके लिए नियमित चैकिंग करने और सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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