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झांसी। माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर मामले की मंगलवार को लखनऊ से आई एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) टीम ने जांच शुरू कर दी। घटनास्थल पर पहुंचकर करीब डेढ़ घंटे तक क्राइम सीन दोहराया गया। शूटआउट में शामिल एसटीएफ अफसरों को भी शामिल किया गया। इस दौरान एफएसएल टीम ने ब्यौरे जुटाए। पुलिस अफसरों के मुताबिक, जांच में सामने आए तथ्यों को विवेचना में शामिल किया जाएगा।

इस दौरान जांच टीम ने एनकाउंटर के दौरान घटी हर घटना को दोबारा से दोहराया। जांच टीम अपने साथ दो डमी भी लेकर पारीछा डैम के पास स्थित घटनास्थल पर पहुंची। करीब साढ़े बारह बजे से सीन को दोहराना शुरू किया गया। इस दौरान एनकाउंटर में शामिल सीओ नवेंदु कुमार समेत अन्य एसटीएफ जवान मौजूद रहे। सबसे पहले बाइक पर दो पुलिसकर्मी असद एवं गुलाम की तरह बैठ कर आए। एसटीएफ टीम को देखकर यह दोनों कानपुर हाईवे से डैम की ओर जाने वाले कच्चे रास्ते की ओर मुड़ गए। उनके पीछे लगी एसटीएफ टीम ने उनको घेर लिया। दोनों कच्चे रास्ते पर गिर पड़े। एसटीएफ जवानों ने पोजीशन संभाली। इसके बाद दोनों पक्षों की ओर से हुई क्रास फायरिंग की पड़ताल हुई। करीब डेढ़ घंटे तक यह दृश्य दोहराया गया। जांच टीम ने आने-जाने के रास्तों की लंबाई-चौड़ाई की भी नापजोख की।

पुलिस अफसरों के मुताबिक यह पूरी रिपोर्ट विवेेचना में शामिल होगी। बता दें, 13 अप्रैल की दोपहर पांच लाख का इनामी बदमाश असद अपने साथी शूटर गुलाम के साथ एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में ढेर हो गया था। इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति राजीव लोचन मल्होत्रा की अगुवाई में जांच आयोग बनाया है।

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