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झांसी। दो साल की मंदी के बाद बीते वित्तीय वर्ष में रियल एस्टेट कारोबार में उछाल आया है। खासतौर पर छोटे प्लॉटों के खूब बैनामे हुए हैं। इससे सरकार का भी खजाना खूब भरा है। निबंधन विभाग को भारी भरकम स्टांप ड्यूटी व निबंधन शुल्क हासिल हुआ है।
जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 30,472 संपत्तियों की खरीद-फरोख्त हुई थी। लेकिन, इसके अगले साल 2020-21 में यह आंकड़ा बढ़ने की बजाय घट गया था। इस साल 27,265 ही बैनामे हुए थे। इसकी वजह कोरोना वायरस के संक्रमण से उत्पन्न हुईं विपरीत परिस्थितियों को माना गया था। हालांकि, इसके बाद साल 2021-22 में इसमें मामूली सुधार आया था। बैनामों की संख्या बढ़कर 29,966 पर पहुुंच गई थी, लेकिन ये संख्या साल 2019-20 के मुकाबले कम ही रही थी। लेकिन, बीते वित्तीय वर्ष 2022-23 में बैनामों की संख्या में खासी वृद्धि हुई है। जिले में 31,482 संपत्तियों की खरीद-फरोख्त हुई। इसमें 20 हजार से ज्यादा 800 से 1800 वर्गफीट तक के भूखंड हैं। इससे निबंधन विभाग को एक अरब 92 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी व 31 करोड़ रुपये का निबंधन शुल्क हासिल हुआ है, जो पिछले तीन सालों की तुलना में सर्वाधिक है।
दान पत्रों से खूब हुई कमाई
झांसी। पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार की ओर से छह माह के लिए संपत्ति के दान पत्रों में विशेष प्रावधान जोड़े थे। महज पांच हजार रुपये की स्टांप ड्यूटी अदा कर कितनी भी कीमत की संपत्ति को अपने रक्त संबंधियों को हस्तांतरित किया जा सकता था। इस योजना के तहत जनपद में 8262 दानपत्र पंजीकृत हुए थे। इससे सरकार को नौ करोड़ 35 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। जबकि, इससे पहले के साल में जिले में सिर्फ 759 ही दान पत्र पंजीकृत किए गए थे। तब दान पत्रों में छूट का प्रावधान नहीं था।
पिछले सालों की तुलना में बीते वित्तीय वर्ष में बैनामों की संख्या में खासी वृद्धि हुई है। छोटे भूखंडों की मांग ज्यादा बढ़ी है। इससे विभाग को अच्छा राजस्व हासिल हुआ है। – प्रवीण सिंह, सहायक महानिरीक्षक निबंधन
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