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रायबरेली। विधानसभा क्षेत्रों में विकास के लिए माननीयों को मिल रही निधि समय से खर्च नहीं हो पा रही है। पिछले साल 21 करोड़ रुपये मिले, लेकिन इसमें करीब 15 करोड़ रुपये खर्च नहीं हो पाए हैं। करीब चार करोड़ के नए कार्यों को स्वीकृति नहीं मिल सकी है। छह करोड़ रुपये कार्यदायी विभागों के पास रखे हैं। विधायक निधि के रूप में प्रत्येक विधायक को 1.50 करोड़ के हिसाब से जिले को 10.50 करोड़ रुपये और मिले हैं। हालांकि विधायकों की ओर से अब तक कार्यों के प्रस्ताव नहीं आए हैं।

विधायकों को विकास कार्य कराने के लिए हर साल तीन-तीन करोड़ रुपये निधि में मिलते हैं। जिले में सदर विधायक अदिति सिंह, ऊंचाहार विधायक डॉ. मनोज पांडेय, सलोन विधायक अशोक कुमार, हरचंदपुर विधायक राहुल लोधी, सरेनी विधायक देवेंद्र प्रताप सिंह, बछरावां विधायक श्याम सुंदर भारती और एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह को क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए निधि से बजट मिलता है। पिछले वित्तीय वर्ष में विधायकों को तीन-तीन करोड़ रुपये के हिसाब से 21 करोड़ रुपये मिले थे। पूर्व में मिली निधि के भी करीब सात करोड़ रुपये थे।

वित्तीय वर्ष खत्म होने के बाद करीब 15 करोड़ की निधि खर्च नहीं हो सकी है। करीब चार करोड़ के कार्यों को अब तक स्वीकृति तक नहीं मिली है। ऐसे में क्षेत्रों में विकास नहीं हो पा रहा है। पुरानी निधि खर्च नहीं हो सकी, लेकिन शासन से विधायक को इस साल की पहली किस्त मिल गई है। डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये के हिसाब से विधायकों को 10.50 करोड़ रुपये मिले हैं। यह दीगर बात है कि निधि की नई किस्त मिलने के बाद भी विधायकों ने अब तक कार्यों के प्रस्ताव उपलब्ध नहीं कराए हैं।

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