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औरैया। किसानों के लिए अच्छी खबर है। शासन ने फसल निगरानी निदान प्रणाली शुरू की है। इसके तहत दो व्हाट्स एप मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं। किसान फसलों में होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी देंगे। साथ ही फसल में लगे कीट व रोग की फोटो खींच कर ग्रुप पर डालेंगे। जिस पर कृषि विशेषज्ञ समस्या का समाधान कर उपाय बताएंगे।
खरीफ की फसल खेतों में तैयार हो रही है। मक्का, बाजरा, धान में कई तरह के रोग लगने की शिकायतें आ रही हैं। हाल ही में चिरुहली के एक खेत में खड़ी मक्का की फसल में बर्मी फाल कीट पाया गया था। इसी तरह अन्य कीट लग रहे हैं। प्रभारी उपकृषि निदेशक शैलेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि शासन किसानों को सहूलियत देने के लिए एक से बढ़कर एक कदम उठा रहा है।
इसी दिशा में एक अच्छी पहल की है। जिसमें फसल निगरानी निदान प्रणाली के तहत 9452247111 व्हाट्स एप मोबाइल नंबर जारी किया है। जिन पर किसान अपनी किसी भी फसल में किसी प्रकार का रोग लगने पर रोग लगने वाले स्थान की फोटो भेज सकता है। फोटो भेजने के बाद कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक निदान के लिए सुझाव देंगे और इलाज करेंगे। जरूरत पड़ने पर फसल का फील्ड सर्वे भी किया जाएगा। उन्होंने किसानों से इस सुविधा का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की अपील की है।
औरैया। किसानों के लिए अच्छी खबर है। शासन ने फसल निगरानी निदान प्रणाली शुरू की है। इसके तहत दो व्हाट्स एप मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं। किसान फसलों में होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी देंगे। साथ ही फसल में लगे कीट व रोग की फोटो खींच कर ग्रुप पर डालेंगे। जिस पर कृषि विशेषज्ञ समस्या का समाधान कर उपाय बताएंगे।
खरीफ की फसल खेतों में तैयार हो रही है। मक्का, बाजरा, धान में कई तरह के रोग लगने की शिकायतें आ रही हैं। हाल ही में चिरुहली के एक खेत में खड़ी मक्का की फसल में बर्मी फाल कीट पाया गया था। इसी तरह अन्य कीट लग रहे हैं। प्रभारी उपकृषि निदेशक शैलेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि शासन किसानों को सहूलियत देने के लिए एक से बढ़कर एक कदम उठा रहा है।
इसी दिशा में एक अच्छी पहल की है। जिसमें फसल निगरानी निदान प्रणाली के तहत 9452247111 व्हाट्स एप मोबाइल नंबर जारी किया है। जिन पर किसान अपनी किसी भी फसल में किसी प्रकार का रोग लगने पर रोग लगने वाले स्थान की फोटो भेज सकता है। फोटो भेजने के बाद कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक निदान के लिए सुझाव देंगे और इलाज करेंगे। जरूरत पड़ने पर फसल का फील्ड सर्वे भी किया जाएगा। उन्होंने किसानों से इस सुविधा का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की अपील की है।