मथुरा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले कर्मचारियों के 72 घंटे की हड़ताल पर जाने से जनपद की विद्युत व्यवस्था चरमराने लगी है। फॉल्ट हुए तो उन्हें दुरुस्त करने को कोई नहीं आता दिखा। बढ़ती परेशानी को देखते हुए बिजलीघरों पर पुलिसबल मुस्तैद कर दिया गया है, वहीं प्रशासन ने पूर्व सैनिकों समेत आईटीआई और पाॅलिटेक्निक के विद्युत ट्रेंड में प्रशिक्षितों की सूची तलब की है। इसके अलावा पुलिस और प्रशासन के अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र के आह्वान पर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के विद्युत कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों, अभियंताओं और निविदा/संविदा कर्मियों ने बृहस्पतिवार की सुबह 10 बजे से कार्य बहिष्कार प्रारंभ कर दिया है। कार्य बहिष्कार आंदोलन में लगभग 500 बिजलीकर्मी शामिल हैं। विद्युत कर्मचारियों एवं अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स ने उप्र के आंदोलन के समर्थन में राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। कैंट बिजलीघर पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त समिति के बैनर तले प्रदेश सरकार को कोसा गया।

पदाधिकारियों का कहना है कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन की हठधर्मिता के चलते विद्युतकर्मियों पर हड़ताल थोपी गई है। समझौते को 113 दिन बीत जाने के बाद खास कदम नहीं उठाए गए। ओबरा, अनपरा की 800-800 मेगावाट की नई इकाइयों को उत्पादन निगम से छीनकर एनटीपीसी को दिए जाने, पारेषण के निजीकरण को रोकने व अन्य न्यायोचित मांगों के सार्थक समाधान किए जाने के उल्टे शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे विद्युतकर्मियों को पुलिस उत्पीड़न की धमकी दी जा रही है। इस मौके पर जिला संयोजक मोहन बाबू आर्य, सचिन शर्मा, प्रमोद कुमार, यादवेंद्र, राकेश यादव, विजय कुमार, कृष्णवीर सिंह, गणेश तोमर, सुनील सिंह, सुधीर कुमार, शुभम अग्रवाल, सत्येंद्र कुमार मौर्य, राहुल साहू, मनीष प्रजापति और दानवीर सिंह मौजूद रहे।

कैश काउंटर बंद होने से बिल जमा करने आए उपभोक्ता वापस लौटे

हड़ताल जरूर बृहस्पतिवार की रात 10 बजे से शुरू हुई, पर दिन में भी विद्युत कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के चलते कैश काउंटर नहीं खुल सके। कैश काउंटर नहीं खुलने से बिजली का बिल जमा कराने आए लोगों को बैरंग लौटना पड़ा। इससे विद्युत उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। यह हाल शहर हो या देहात में देखने को मिला। संतकुमार शर्मा और सनी ठाकुर का कहना है कि कार्य बहिष्कार के चलते बिजली का बिल जमा नहीं हो सका। इसके चलते उन्हें बिजली का बिल लेट पेमेंट से भुगतान करना पड़ेगा। इसका अतिरिक्त भार उपभोक्ता पर पड़ेगा, जबकि वह तो समय से ही बिल जमा कराने गए थे।

हड़ताल से पहले दोपहर से चरमराने लगी विद्युत आपूर्ति

विद्युतकर्मियों के तीन की हड़ताल पर जाने से पहले ही शहर की विद्युत आपूर्ति चरमराने लगी। दोपहर से बिजली की आवाजाही लगी रही। इसके लिए लोगों ने विद्युत अफसरों को फोन किए तो उनके मोबाइल बंद मिले। शहर के डैंपियर नगर, होलीगेट, भरतपुरगेट, गोविंदनगर, महाविद्या कॉलोनी, मोतीकुंज, कृष्णानगर, राधिका विहार, चौक बाजार, जयसिंहपुरा, सरस्वती कुंड आदि इलाकों में बिजली की आवाजाही लगी रही।



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