
अयोध्या-मिल्कीपुर क्षेत्र में स्थित साधन सहकारी।-संवाद
– फोटो : FAIZABAD
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मिल्कीपुर। साधन सहकारी समितियों से डीएपी उर्वरक गायब है। जबकि वर्तमान में किसानों को डीएपी उर्वरक की सख्त जरूरत है। किसानों का कहना है कि रबी की फसल बोवाई के लिए सबसे ज्यादा जरूरत डीएपी और पोटाश की होती है। वर्तमान में साधन सहकारी समितियों पर ना तो डीएपी है और ना बाजारों में पोटाश उर्वरक मिल पा रही है। ऐसे में किसानों को बाजार के निजी दुकानदारों के यहां अधिक दामों में उर्वरक खरीदनी पड़ रही है।
ग्राम आदिलपुर निवासी किसान शिव बहादुर शुक्ल ने बताया कि वह तीन दिनों से लगातार साधन सहकारी समिति का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक एक बोरी डीएपी नहीं मिल पाई है। पलिया लोहानी के किसान अजय सिंह एवं विनोद कुमार का कहना है कि साधन सहकारी समिति उरुवा और सेमरा में डीएपी उर्वरक नहीं है। उन्हें सरसों और आलू की बोवाई के लिए डीएपी उर्वरक की सख्त जरूरत है। ग्राम घुरेहटा निवासी राम कलप का कहना है कि आलू बोने के लिए वह साधन सहकारी समिति घुरेहटा पर कई बार डीएपी उर्वरक खरीदने के लिए चक्कर लगा चुके हैं।
ढेमा निवासी रमेश कुमार ने बताया कि साधन सहकारी समिति शाहगंज पर डीएपी उर्वरक ना मिलने से खेती किसानी का कार्य पिछड़ता जा रहा है। किसानों ने बताया कि साधन सहकारी समिति उरुवा, रेवना, शाहगंज, घुरेहटा, मलेथू बुजुर्ग, अछोरा व सेमरा में डीएपी उर्वरक उपलब्ध नहीं है। साधन सहकारी समिति उरुवा वैश्य के सचिव राकेश कुमार मिश्र ने बताया कि वर्तमान में डीएपी उर्वरक नहीं है।
यूरिया खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। जल्दी ही डीएपी उपलब्ध हो जाएगी। सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि पीसीएफ में लेबर न उपलब्ध होने की वजह से समितियों तक उर्वरक नहीं पहुंच पा रही है, समितियों के चेक पीसीएफ में लग चुके हैं। प्रयास किया जा रहा है कि जल्दी ही समितियों पर डीएपी उपलब्ध हो जाय।
मिल्कीपुर। साधन सहकारी समितियों से डीएपी उर्वरक गायब है। जबकि वर्तमान में किसानों को डीएपी उर्वरक की सख्त जरूरत है। किसानों का कहना है कि रबी की फसल बोवाई के लिए सबसे ज्यादा जरूरत डीएपी और पोटाश की होती है। वर्तमान में साधन सहकारी समितियों पर ना तो डीएपी है और ना बाजारों में पोटाश उर्वरक मिल पा रही है। ऐसे में किसानों को बाजार के निजी दुकानदारों के यहां अधिक दामों में उर्वरक खरीदनी पड़ रही है।
ग्राम आदिलपुर निवासी किसान शिव बहादुर शुक्ल ने बताया कि वह तीन दिनों से लगातार साधन सहकारी समिति का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक एक बोरी डीएपी नहीं मिल पाई है। पलिया लोहानी के किसान अजय सिंह एवं विनोद कुमार का कहना है कि साधन सहकारी समिति उरुवा और सेमरा में डीएपी उर्वरक नहीं है। उन्हें सरसों और आलू की बोवाई के लिए डीएपी उर्वरक की सख्त जरूरत है। ग्राम घुरेहटा निवासी राम कलप का कहना है कि आलू बोने के लिए वह साधन सहकारी समिति घुरेहटा पर कई बार डीएपी उर्वरक खरीदने के लिए चक्कर लगा चुके हैं।
ढेमा निवासी रमेश कुमार ने बताया कि साधन सहकारी समिति शाहगंज पर डीएपी उर्वरक ना मिलने से खेती किसानी का कार्य पिछड़ता जा रहा है। किसानों ने बताया कि साधन सहकारी समिति उरुवा, रेवना, शाहगंज, घुरेहटा, मलेथू बुजुर्ग, अछोरा व सेमरा में डीएपी उर्वरक उपलब्ध नहीं है। साधन सहकारी समिति उरुवा वैश्य के सचिव राकेश कुमार मिश्र ने बताया कि वर्तमान में डीएपी उर्वरक नहीं है।
यूरिया खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। जल्दी ही डीएपी उपलब्ध हो जाएगी। सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि पीसीएफ में लेबर न उपलब्ध होने की वजह से समितियों तक उर्वरक नहीं पहुंच पा रही है, समितियों के चेक पीसीएफ में लग चुके हैं। प्रयास किया जा रहा है कि जल्दी ही समितियों पर डीएपी उपलब्ध हो जाय।