
बिजली कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार
– फोटो : फाइल फोटो
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बिजली निगम के अभियंताओं और तकनीकी कर्मचारियों की हड़ताल के बीच मंडल के 205 संविदाकर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इनमें देवरिया के 24, गोरखपुर के 14 और कुशीनगर के 167 संविदा कर्मचारी शामिल हैं। वहीं, एजेंसियों को नोटिस जारी किया गया है। अंदेशा है कि और कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने बताया कि विद्युत आपूर्ति सामान्य बनाए रखने के लिए संविदा कर्मचारियों की उपलब्धता के संबंध में एजेंसियों को पहले ही निर्देशित किया गया था। हड़ताल के दौरान एजेंसियों को क्षेत्र में निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनाए रखना जरूरी है। एजेंसियों को सख्ती के साथ अपने कर्मचारियों को निर्देशित करना था कि आंदोलन में फर्म से अनुबंधित कोई कर्मचारी हिस्सेदारी न करे। इसके बावजूद संविदा के कर्मचारी गंभीर नहीं दिखे। बिजली आपूर्ति प्रभावी बनाए रखने की जगह हड़ताल करने वाले अभियंताओं का साथ दिया। ऐसे में मंडल के 205 संविदाकर्मियों की सेवाएं समाप्त की गई हैं। आगे भी यदि बिजली आपूर्ति प्रभावी बनाए रखने में संविदाकर्मियों की तरफ से लापरवाही हुई तो कार्रवाई की जाएगी।
साजिश कर संविदाकर्मियों को हटवाया गया
नाम न छपने की शर्त पर संविदाकर्मियों ने बताया कि जिनकी सेवाएं समाप्त की गई हैं, वे साजिश का शिकार हुए हैं। इनका कहना है कि हड़ताल के दौरान संविदा कर्मचारियों ने बढ़चढ़ कर आपूर्ति को प्रभावी बनाए रखने का काम किया, लेकिन कुछ लोगों ने साजिश के तहत उन्हें फंसा दिया।
फोटो ग्रुप पर भेजकर साबित करना पड़ रहा
कार्रवाई के बाद बचे संविदाकर्मियों ने बिजली घर पर तैनाती या फाल्ट सही करने जाने पर फोटो खींचना शुरू किया है। ये फोटो कंपनी के व्हाट्सएप ग्रुप पर भेज रहे हैं। एक संविदाकर्मी ने बताया कि जब सभी को व्हाट्सएप से ही काम चलवाना है, तो मजबूरी है। बिजली घरों पर जिम्मेदार चार्ज नहीं ले रहे हैं। चार्ज लेकर भी बिजली घर नहीं आ रहे हैं। लाइनमैन अकेले बिजली आपूर्ति को सही करने का बीड़ा उठाए हैं। अगर कहीं चूक हो या विलंब हो जाए तो संविदाकर्मी हड़ताल में शामिल हैं यह हल्ला मचा दिया जा रहा है।
आठ हजार रुपये की नौकरी थी, हम ही गलत
कौड़ीराम के संविदाकर्मी धर्मेंद्र यादव पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि हमारी ही गलती सबसे अधिक है। आठ हजार रुपये के मानदेय से परिवार का भरण पोषण किया जाता है। 24 घंटे हर परिस्थितियों में बिजली घर और आपूर्ति प्रभावी बनाए रखने के लिए काम किया। हड़ताल के दौरान भी काम किए, लेकिन प्रबंधन ने हमारी सेवाएं समाप्त कर दीं।