Muzaffarnagar जनपद के थाना ककरौली क्षेत्र में पुलिस ने उस वारदात का पर्दाफाश कर दिया जिसने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया था। पुलिस मुठभेड़ के दौरान पांच खूंखार बदमाशों को गोली लगने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि कुल सात अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है। पुलिस ने मौके से तीन तमंचे, एक पिस्टल, जिंदा कारतूस, मोबाइल फोन और घटना में प्रयुक्त स्प्लेंडर मोटरसाइकिल भी बरामद की है।
इस मुठभेड़ ने न केवल क्षेत्र में सनसनी फैला दी बल्कि एक बार फिर उत्तर प्रदेश पुलिस की त्वरित कार्रवाई और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को भी सामने रखा।
ककरौली की ख़ामोशी में गूंजे गोलियों की आवाज़ें — दो नवम्बर की रात से शुरू हुई कहानी
घटना की शुरुआत 1 नवम्बर से हुई, जब खेड़ी फिरोज़ाबाद निवासी कंवरपाल सिंह ने थाने में तहरीर देकर बताया कि उनके बेटे सौरभ उर्फ सोनू को कुछ अज्ञात लोगों ने फोन करके बुलाया और निर्ममता से चाकू व गोली मारकर हत्या कर दी।
पुलिस ने मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू की, और एसएसपी संजय कुमार वर्मा, एसपी ग्रामीण आदित्य बंसल, तथा सीओ भोपा देवव्रत वाजपेई के नेतृत्व में कई टीमों का गठन किया गया।
पुलिस की रणनीति और मुखबिर की सूचना से हुआ बड़ा खुलासा
चार नवम्बर को पुलिस को एक गोपनीय सूचना मिली कि हत्या में शामिल दो मुख्य आरोपी मेहरबान उर्फ वीर सिंह और अंशुल पुत्र किरतपाल मलिकपुरा रजवाहे की पुलिया के पास मौजूद हैं और फरार होने की फिराक में हैं।
थाना ककरौली के थानाध्यक्ष जोगिंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम ने मौके पर पहुंचकर घेराबंदी की। पुलिस को देखते ही अपराधियों ने जान से मारने की नीयत से फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी आत्मरक्षा में फायर किया। मुठभेड़ में दोनों अपराधी घायल हुए और मौके पर ही दबोच लिए गए।
खूनी मुठभेड़ का दूसरा चरण — खेतों के बीच से निकले तीन और हत्यारे
घायल बदमाशों से पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि उनके तीन अन्य साथी पिमोडा रजवाहा मार्ग के पास काटकी पुलिया के समीप उनका इंतज़ार कर रहे हैं। तुरंत पुलिस ने उस स्थान पर कड़ी घेराबंदी की और अपराधियों को आत्मसमर्पण की चेतावनी दी।
लेकिन अपराधियों ने चेतावनी की परवाह न करते हुए पुलिस टीम पर दोबारा फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में दानिश पुत्र मोहम्मद नवी, वंश पुत्र मेहरबान, और अलीशान पुत्र इंतज़ार घायल हो गए और उन्हें भी मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।
बरामदगी की लिस्ट — पुलिस की मेहनत का नतीजा
मुठभेड़ के बाद बरामद हुए हथियारों की सूची चौंकाने वाली रही —
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03 तमंचे 315 बोर के,
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01 तमंचा 12 बोर का,
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01 पिस्टल 32 बोर की,
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कई जिंदा और खोखा कारतूस,
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05 मोबाइल फोन,
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और 1 स्प्लेंडर मोटरसाइकिल जो वारदात में इस्तेमाल हुई थी।
सभी घायल अपराधियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, वहीं पुलिस ने उनके खिलाफ आगे की विधिक कार्यवाही शुरू कर दी है।
पुलिस की बहादुरी पर उठे सराहना के स्वर — अपराधियों के मन में खौफ
ककरौली मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मी, जिनमें उपनिरीक्षक सुभाष यादव, शिवचरण तोमर, देवकीनंदन, दिनेश सेनी, सचिन चौधरी सहित कई अन्य जवान शामिल थे, ने अपने साहस और रणनीति से अपराधियों की कमर तोड़ दी।
स्थानीय लोगों ने पुलिस के इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि “अगर पुलिस ऐसे ही मुस्तैदी से काम करती रही, तो अपराधियों के हौसले पस्त हो जाएंगे।”
उत्तर प्रदेश पुलिस की ‘Zero Tolerance Policy’ का असर — अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं
बीते कुछ वर्षों में यूपी पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ जिस तरह से लगातार मुठभेड़ों और धरपकड़ अभियान चलाया है, उसने अपराध जगत में खलबली मचा दी है। मेरठ जोन के एडीजी और सहारनपुर रेंज के डीआईजी के निर्देशन में चल रहे इस अभियान के तहत कई बड़े गैंग धराशायी हो चुके हैं।
ककरौली की यह मुठभेड़ उसी सिलसिले की एक और मिसाल बन गई है, जहाँ पुलिस ने न केवल हत्या का खुलासा किया बल्कि अपराधियों को ज़िंदा पकड़कर न्याय की राह पर लाया।
मुज़फ्फरनगर में बढ़ती घटनाओं पर नकेल — पुलिस का सख्त संदेश
मुज़फ्फरनगर लंबे समय से अपराधियों के ठिकानों के रूप में चर्चित रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में पुलिस की सतर्कता और सक्रियता ने अपराध दर में गिरावट लाई है। इस मुठभेड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन अपराध के खिलाफ एकमत हैं।
ककरौली मुठभेड़ ने न सिर्फ एक हत्या के रहस्य को सुलझाया, बल्कि पूरे जनपद में यह संदेश दे दिया कि “अब अपराधी चाहे जितने चालाक हों, कानून के हाथों से बच नहीं सकते।”
पुलिस की यह सफलता जनता में विश्वास का प्रतीक बनी
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जिस तेज़ी से पुलिस ने मामले का खुलासा किया, वह जनता के विश्वास को और मजबूत करता है। कई ग्रामीणों ने बताया कि यह वही इलाका था जहां पहले अपराधियों का बोलबाला था, परंतु अब पुलिस की तैनाती और सक्रियता के चलते हालात बदल गए हैं।
पुलिस की चौकसी बनी जनशक्ति का सहारा
ककरौली थाना क्षेत्र में अब पुलिस ने रात में गश्त बढ़ा दी है। खासतौर पर उन जगहों पर जहाँ पहले अपराधियों की गतिविधियाँ अधिक थीं। ग्रामीण भी अब पुलिस के साथ मिलकर अपराध मुक्त समाज की दिशा में काम कर रहे हैं।
भविष्य में पुलिस की और सख्त कार्यवाही की संभावना
सूत्रों के अनुसार, अब पुलिस अन्य अपराधियों और उनके सहयोगियों की तलाश में जुटी हुई है। मोबाइल डाटा और कॉल रिकॉर्ड्स की मदद से हत्या में शामिल बाकी संदिग्धों की पहचान की जा रही है।
ककरौली की इस मुठभेड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जब कानून और पुलिस एकजुट होकर अपराध के खिलाफ डट जाते हैं, तो अपराधियों के लिए कोई कोना सुरक्षित नहीं बचता। मुज़फ्फरनगर की जनता अब राहत की सांस ले रही है, और प्रदेश पुलिस ने एक बार फिर अपना लोहा मनवाया है।
