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शासन ने पीडब्ल्यूडी के उस अधीक्षण अभियंता (एसई) की पांच वेतन वृद्धियां रोकने की संस्तुति कर दी, जो अगले साल सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इस आधार पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एसई शैलेंद्र यादव की फाइल लौटा दी है। वह तबादला घोटाले में दोषी ठहराए गए हैं।
पिछले साल विभाग में तबादलों में बड़ा घोटाला सामने आया था। नीति के तहत 30 अधिशासी अभियंताओं के ही तबादले हो सकते थे, लेकिन 42 अधिशासी अभियंताओं के तबादले कर दिए गए। इसी तरह से जेई और एई के 46 तबादले नीति से परे जाकर किए गए।
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इस प्रकरण में प्रदेश सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए तत्कालीन वरिष्ठ स्टाफ अफसर व अधीक्षण अभियंता शैलेंद्र यादव समेत पांच कार्मिकों को सस्पेंड किया था। विभागीय जांच पूरी होने पर शैलेंद्र यादव की पांच वेतन वृद्धियां रोके जाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सहमति आवश्यक है, इसलिए शासन की संस्तुति के साथ पत्र आयोग को भेजा गया।
शैलेंद्र यादव दिसंबर 2024 में रिटायर हो रहे हैं। इसलिए उनकी अधिकतम दो वेतन वृद्धियां ही रोकी जा सकती हैं। शासन के सूत्रों के अनुसार, आयोग से फाइल वापस आने के बाद अब नए सिरे से प्रस्ताव तैयार करवाया जा रहा है। शीघ्र ही इसे पुनः आयोग को भेजा जाएगा।