बरुआसागर पीएचसी का यह कारनामा, मरीज के घर वालों ने उठाए सवाल तो दी धमकी
– सीएमओ बोले- जांच कराकर की जाएगी कार्रवाई
अमर उजाला ब्यूरो
बरुआसागर (झांसी)। शनिवार को बरुआसागर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य कर्मियों एक बड़ा कारनामा सामने आया है। तबीयत बिगड़ने पर जब एक युवती पीएचसी में दिखाने पहुंची तो डॉक्टर ने पर्चे पर डेंगू और मलेरिया की जांच लिख दी। केंद्र पर ही जब जांच कराई तो लैब टेक्नीशियन ने बगैर किट के ही डेंगू की जांच कर डाली। इतना ही नहीं निगेटिव रिपोर्ट भी जारी हो गई। जब परिजनों को इस पूरे गोलमाल का पता चला तो उन्होंने चिकित्सकों से शिकायत की। इस पर वहां के स्टाफ ने इन लोगों को धमकाना शुरू कर दिया। सीएमओ ने इस पूरे मामले में जांच के आदेश कर दिए हैं।
बरसात के सीजन में डेंगू के मामले सामने आने लगे हैं। कई जगहों पर डेंगू का लार्वा भी मिल रहा है। बरुआसागर की सृष्टि (21) की कुछ दिनों से तबीयत खराब थी। शनिवार को वह परिजनों के साथ बरुआसागर पीएचसी में दिखाने पहुंची। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद डॉक्टर ने मरीज को डेंगू और मलेरिया की जांच कराने के लिए कहा। मरीज ने जांच के लिए ब्लड सैंपल दिया। केंद्र पर तैनात लैब टेक्नीशियन चंद्र प्रकाश वर्मा ने जांच की और डेंगू, मलेरिया की निगेटिव रिपोर्ट दे दी। परिजनों के मुताबिक उन्हें जानकारी हुई कि केंद्र पर डेंगू की किट है ही नहीं । इसके बावजूद रिपोर्ट दे दी गई है। इस पर उन्होंने आपत्ति दर्ज कराते हुए सवाल उठाए। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने जांच किट देखनी चाही तो लैब टेक्नीशियन विवाद करने लगा। परिजनों का आरोप है कि कर्मचारी ने उन्हें फर्जी तरीके से फंसाने की धमकी भी दी।
वहीं, इस मामले में स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. बीएस राजपूत ने बताया कि मरीज की डेंगू और मलेरिया दोनों की जांच की गई थी, लेकिन लैब टेक्नीशियन ने मरीज के परिजनों को जांच रिपोर्ट नहीं दिखाई, जो उसकी लापरवाही को दर्शाता है। कर्मचारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जबकि, लैब टेक्नीशियन चंद्र प्रकाश वर्मा का कहना है कि उन्होंने सिर्फ मलेरिया की ही जांच की थी। डेंगू की जांच किट उपलब्ध न होने के कारण उसकी रिपोर्ट गलती से जारी हो गई। मरीज के साथ किसी प्रकार की अभद्रता नहीं की गई है। अपनी गलती को स्वीकार कर लिया है।
वर्जन..
अगर लैब टेक्नीशियन द्वारा किट न होने के बावजूद डेंगू की फर्जी रिपोर्ट जारी की गई है, तो इस मामले की जांच कराई जाएगी। कर्मचारी दोषी मिलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। – डॉ. सुधाकर पांडेय, सीएमओ।