
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव।
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सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा संविधान को नहीं मानती है। वह इसे बदलना चाहती है। इसलिए बाबा साहेब के दिए संविधान में की गई आरक्षण की व्यवस्था को खत्म करने पर उतारू है। सरकारी संस्थानों का निजीकरण किया जा रहा है। आउटसोर्सिंग के जरिये सार्वजनिक संस्थानों में भर्ती की जा रही है। इससे पिछड़ों और दलितों को आरक्षण से वंचित किया जा रहा है। सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में बेचा जा रहा है।
अखिलेश डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर सपा के प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं व नेताओं को संबोधित कर रहे थे। सभी जिलों में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करके बाबा साहेब के रास्ते पर चलने पर संकल्प लिया गया। सपा मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में अखिलेश ने कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर ने सामाजिक रूप से उपेक्षित वर्ग के हितों को संरक्षित रखने परे विशेष बल दिया था। नागरिकों के अधिकार और उनके सम्मान की रक्षा समाज में फैली नफरत और भेदभाव को मिटाकर ही हो सकती है।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब को भारतीय संविधान के निर्माता एवं महान समाज सुधारक के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। डॉ. आंबेडकर ने सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाकर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी और शोषित वंचित वर्ग को आरक्षण व सम्मान से जीने का अधिकार दिलाया। एक व्यक्ति-एक मत का विधान बनाकर उन्होंने गरीब-अमीर सबको एक समान वोट का अधिकार दिया।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि पिछड़ों व दलितों के हक और सम्मान की लड़ाई समाजवादी पार्टी लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी। समाजवादी पार्टी जातीय जनगणना की मांग सड़क से सदन तक उठा रही है, ताकि समाज में हर जाति को समानुपातिक भागीदारी तय हो सके। आजाद भारत की नींव मजबूत करने में डॉ. भीमराव आंबेडकर, डॉ. राममनोहर लोहिया और नेताजी मुलायम सिंह यादव के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी, मिठाई लाल भारती, नरेंद्र वर्मा, आरके चौधरी, अरविंद कुमार सिंह, उदयवीर सिंह आदि मौजूद रहे।
कानून-व्यवस्था के हालात चिंताजनक
अखिलेश ने कहा कि देश और प्रदेश में कानून-व्यवस्था के हालात चिंताजनक है। एनसीआरबी के आधे-अधूरे आंकड़े है जबकि प्रदेश में महिला अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। भाजपा सरकार में अपराधी बेलगाम है और सरकारी संरक्षण में निर्दोष नागरिकों को पुलिस अपने जुल्मों का शिकार बना रही है। पुलिस हिरासत में लोगों की जान जा रही है।