
Jhansi fire Case
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हादसे में तड़प-तड़पकर दम तोड़ने वाली यूनाइडेड इंश्योरेंस कंपनी की मैनेजर रागिनी राजपूत (59) जब सोमवार को घर से निकलीं थीं तो उन्होंने अपने बेटे ऋषभ और बेटी शुभांगनी उर्फ शिवांगी से जल्दी घर लौटने का वादा किया था। लेकिन, ऑफिस पहुंचने के कुछ देर बाद ही रागिनी ने बेटे को फोन कर कहा कि वह आग में घिरी हुई हैं।
यह सुनकर ऋषभ घबरा उठा। वह तुरंत सीपरी पहुंच गया। भीड़ को चीरता हुआ वह आगे बढ़ा और मां रागिनी को हाथ पकड़कर खींचने का प्रयास करने लगा लेकिन आग की लपटों और धुएं के कारण मां बेहोश हो चुकी थीं। ऋषभ ने कहा कि ऑफिस के चारों ओर धुआं भरा था।
मदद के लिए उसने आसपास लोगों को तलाशा। किसी के न मिलने पर वह अकेले उनको लेकर बाहर की ओर भागा लेकिन, तब तक रागिनी के फेफड़ों में धुआं भर चुका था। मैं मां-मां चीखता रहा लेकिन, चंद मिनट में ही मां ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। रागिनी के पति शैलोज रिटायर्ड बैंक अधिकारी हैं।
शिवांगी ने बताया कि वह दिल्ली के एक स्कूल में पढ़ाती हैं। उनका भाई ऋषभ एक कंपनी में इंजीनियर है। दोनों कुछ दिन पहले ही मां के साथ समय बिताने के लिए झांसी आए थे। उधर, शिवांगी ने मां की मौत के लिए कंपनी को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि किराया एवं रखरखाव के पैसों में बचत करने के लिए कंपनी ने कर्मचारियों की सुरक्षा की परवाह नहीं की।