Muzaffarnagar में हर साल की तरह इस साल भी अन्नकूट पर्व धूमधाम से मनाया गया। विशेष रूप से गोवर्धन पूजा के दिन यह पर्व जिले के विभिन्न मंदिरों में बहुत उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। अन्नकूट पर्व, जिसे गोवर्धन पूजा के साथ मनाया जाता है, भारत में एक प्रमुख धार्मिक अवसर है। यह दिन विशेष रूप से भगवान कृष्ण के गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा से जुड़ा हुआ है, और इस दिन को भक्ति भाव से मनाने के लिए लोग बड़े स्तर पर भंडारे और पूजा अर्चना करते हैं।
अन्नकूट पर्व के महत्व का बढ़ता स्वरूप
अन्नकूट पर्व का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक भी है। इस दिन के आयोजन में हर वर्ग और समुदाय के लोग शामिल होते हैं और यह पर्व समुदाय के बीच एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है। मुजफ्फरनगर में अन्नकूट के भंडारे का आयोजन विभिन्न मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। यह पर्व विशेष रूप से दीपावली के पंच पर्वों में से एक माना जाता है और इसके आयोजन में समाज के हर वर्ग का सहयोग रहता है।
गोवर्धन पूजा पर अन्नकूट भंडारे का आयोजन
नई मंडी स्थित गऊशाला में हर वर्ष की तरह इस साल भी गोवर्धन महाराज की पूजा अर्चना के बाद भव्य भंडारे का आयोजन किया गया। इस भंडारे में हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान की पूजा कर प्रसाद ग्रहण किया। यहाँ पर भक्तों की भीड़ में एक सकारात्मक ऊर्जा का माहौल था, और इस मौके पर गोवर्धन महाराज के आशीर्वाद के लिए लोग हर समय प्रार्थना करते रहे।
वहीं, बिन्दल बाजार स्थित माता वाला मंदिर, गांधी कॉलोनी स्थित श्री गोलोकधाम, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर और द्वारकापुरी स्थित श्री राम दरबार में भी अन्नकूट भंडारे का आयोजन हुआ। इन आयोजनों में सुंदर काण्ड का पाठ किया गया और श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। श्री राम दरबार के अध्यक्ष पंडित रामदेव शर्मा ने भक्तों का आभार व्यक्त किया और आयोजन की सफलता पर खुशी जाहिर की।
फ्लोरेंस स्कूल के पास अन्नकूट भंडारा
रामपुरी मोहल्ले में फ्लोरेंस स्कूल के पास आयोजित अन्नकूट भंडारे में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। इस भंडारे का आयोजन समाजसेवी और पूर्व सभासद अशोक वर्मा ने किया। उनके साथ इन्द्रपाल शर्मा, रमन त्यागी, संजय त्यागी, प्रीतम शर्मा, प्रमोद कश्यप, मुकेश खुराना और ठा. बोबी सिंह जैसे समाजसेवियों ने मिलकर इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस भंडारे में श्रद्धालुओं ने न केवल प्रसाद ग्रहण किया बल्कि भगवान के भव्य आयोजन के लिए विशेष प्रार्थना भी की। इस आयोजन में पूरे मोहल्ले में भक्तिभाव और उत्सव का माहौल था, जो इस पर्व की भावना को और भी जीवंत कर रहा था।
मंदिरों में प्रसाद वितरण का सिलसिला
अन्नकूट पर्व के तहत कई मंदिरों में भव्य प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया। नगर में अन्य मंदिरों जैसे सदर तहसील प्रांगण स्थित प्राचीन मंदिर और चरथावल मोड़ स्थित सिद्ध पीठ शनिधाम में भी विशेष पूजा अर्चना हुई और प्रसाद वितरित किया गया। इन आयोजनों में पंडित द्वारिका प्रसाद पाराशर, पंडित संजय कुमार, पंडित केशवानंद और पंडित संजय मिश्रा ने पूजा की विधियाँ और महा आरती कराई।
सिद्ध पीठ शनिधाम और सत्संग भवन में अन्नकूट पर्व
चरथावल मोड़ स्थित सिद्ध पीठ शनिधाम में भी इस वर्ष अन्नकूट पर्व बहुत धूमधाम से मनाया गया। यहां पर पंडित संजय मिश्रा और संतोष मिश्रा ने विशेष पूजा अर्चना की और महा आरती कर भोग प्रसाद अर्पित किया। इस कार्यक्रम में शरद कपूर, ललित मोहन शर्मा, नरेंद्र कुमार साधु और शैलेंद्र विश्वकर्मा जैसे समाजसेवी सक्रिय रहे और आयोजन की सफलता सुनिश्चित की।
सत्संग भवन में भी हर वर्ष की भांति अन्नकूट पर्व का आयोजन हुआ। इस आयोजन में पंडित भवानी शंकर शर्मा ने पूजा और आरती का आयोजन किया, और पहले साधु-संतों को भोजन कराया। इसके बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। यहाँ के आयोजन में त्रिलोक चंद गुप्ता, महेंद्र गोयल, ताराचंद वर्मा और विजय सिंधी जैसे लोग सक्रिय थे।
समाज के विभिन्न वर्गों का योगदान
यह आयोजन महज एक धार्मिक कार्य नहीं था, बल्कि इसने समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हर वर्ग के लोग इस पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं और आपसी प्रेम और सहयोग का वातावरण तैयार करते हैं। इस बार भी मुजफ्फरनगर के अन्नकूट भंडारे में यह भावना पूरी तरह से व्याप्त थी।
अन्नकूट पर्व इस साल भी मुजफ्फरनगर में भक्ति और उत्साह के साथ मनाया गया। मंदिरों में आयोजित भव्य भंडारे और प्रसाद वितरण ने इस पर्व को और भी विशेष बना दिया। भक्तों ने इस मौके पर न केवल भगवान का आशीर्वाद लिया, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी दिया। इस तरह के आयोजनों के माध्यम से हम अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रख सकते हैं और समाज को जोड़ सकते हैं।