
कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उनके सहयोगी।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को राम की नगरी में कैबिनेट बैठक कर इतिहास रच दिया। इस बैठक में धर्म व संस्कृति को बढ़ावा देने वाले कई निर्णयों पर सहमति की मुहर लगी। बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा है। यूपी सरकार की पूरी कैबिनेट अयोध्या धाम आई है। बैठक में उत्तर प्रदेश के विकास को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि अयोध्या को विश्व मानचित्र पर नई पहचान मिले इसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं और आज भी कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। बैठक में अयोध्याजी तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद के गठन को मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा, मां पटेश्वरी देवीपाटन विकास परिषद और मुजफ्फरनगर में शुकतीर्थ विकास परिषद के गठन को भी मंजूरी दे दी गई है।
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अयोध्या शोध संस्थान का होगा अंतर्राष्ट्रीय विस्तार
कैबिनेट ने अयोध्या स्थित अयोध्या शोध संस्थान को विस्तार देते हुए अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान के रूप में विकसित किए जाने की सहमति दी है। इसमें भारत समेत दुनिया के विभिन्न देशों में जो रामायण कथा प्रचलित है, रामकथा साहित्य, वैदिक ज्ञान की परंपरा आदि पर विस्तृत अध्ययन व शोध होगा। साथ ही वैश्विक स्तर पर रामलीला के मंचन के अलावा सांस्कृतिक आदान-प्रदान किया जाएगा। अभी लगभग 40 देशों में रामलीला होती है। संस्कृति विभाग के प्रस्ताव के अनुसार शोध संस्थान यहां होने वाले शोध साहित्य को कम से कम मूल्य पर सर्वसाधारण को दिया जाएगा। शोध संस्थान को प्रभावशाली बनाए जाने के लिए देश-विदेश के विश्वविद्यालयों, संस्थानों से एमओयू करके, अन्य विषयों के अध्ययन करने वाले छात्रों को भी जोड़ेंगे। रामकथा व रामायण परंपरा से जुड़े विद्वानों, महापुरुषों, महात्माओं, संतों के व्याख्यान व प्रवचन से इस परंपरा को और समृद्ध किया जाएगा।
अयोध्या में 25 एकड़ में बनेगा भारतीय मंदिर संग्रहालय
कैबिनेट ने अयोध्या में प्रस्तावित भारतीय मंदिर वास्तुकला संग्रहालय की स्थापना को भी हरी झंडी दे दी है। मंदिर संग्रहालय के लिए माझा जमथरा में 25 एकड़ भूमि देने के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। इस मंदिर संग्रहालय के बनने से जो लोग अयोध्या धाम में दर्शन के लिए आएंगे वह श्रीराम मंदिर के दर्शन के साथ-साथ भारत के वास्तुशास्त्र के बारे में भी जान सकेंगे। म्यूजियम में अलग-अलग कालखंड में कौन-कौन मंदिर बने, उन मंदिरों के इतिहास को इस संग्रहालय के माध्यम से जानने का अवसर मिलेगा। संग्रहालय के माध्यम से देश की गौरवशाली ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व धार्मिक विरासतों, समृद्ध प्राकृतिक वरसंपदा से देश-विदेश के लोगों को रू-ब-रू कराया जा सकेगा। इसके निर्माण से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होगा और राजस्व वृद्धि होगी।