Mushaira gathering organized in Habitat Center instead of Kennedy Hall

हैबिटेट सेंटर में मुशायरा आयोजन
– फोटो : संवाद

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अलीगढ़ में वर्टेक्स इंवेट दुबई के बैनर तले कल्याण सिंह हैबिटेट सेंटर में मुशायरे का आयोजन किया गया। कैनेडी हॉल से मुशायरा स्थल बदलने के बाद भी श्रोताओं की काफी भीड़ रही।

मुशयरा सुनते हुए

  • अजहर इनायती ने सुनाया- ये और बात कि आंधी हमारे बस में नहीं, मगर चराग जलाना तो इख्तियार में है। 
  • इकबाल अशहर ने पढ़ा- ठहरी-ठहरी सी तबीयत में रवानी आई, प्यास दरिया की निगाहों से छुपा रखी है। 
  • शकील आजमी ने सुनाया- भूख में इश्क की तहजीब भी मर जाती है, चांद आकाश पे थाली की तरह लगता है। 
  • महशर अफरीदी ने सुनाया- जगह की कैद नहीं थी कोई कहीं बैठे, जहां मकाम हमारा था हम वहीं बैठें। 
  • अज्म शाकिरी ने सुनाया- आंसुओं से लिख रहे हैं बेबसी की दास्तां, मैंने इक शहर हमेशा के लिए छोड़ दिया। 
  • एएम तुराज ने पढ़ा- ठहरे हुए एहसास का मंजर नहीं आया मुद्दत से सफर में हूं मगर घर नहीं आया। 
  • खुशबू शर्मा ने सुनाया-इतने उलझे हुए सपने भी नहीं देखती मैं। 
  • पपलू लखनवी ने सुनाया- ये इश्क-विश्क का किस्सा तमाम हो जाए, सफेद दाढ़ी हवस की गुलाम हो जाए। 
  • अखिलेश मिश्रा ने सुनाया- रोटी खरीद लाया है इमान बेच कर, घर में बचा था बस यही सामान बेचकर। 

अजहर इकबाल, नदीम फारूक, डॉ. पूनम गजल ने कलाम व कविता सुनाई। इस अवसर पर वर्टेक्स इंवेट दुबई के पुश्किन आगा, आगा यूनुस आदि मौजूद रहे।



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