अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। आई फ्लू यानी वायरल कंजेक्टिवाइटिस के बढ़ते हमले के बीच एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल आई ड्राॅप की खपत दोगुनी हो गई है। हाल ये है कि कई ब्रांडेड कंपनियों की आई ड्राप बाजार में शॉर्ट (कमी) हो गई हैं। दवा विक्रेताओं ने खरीद के लिए कंपनियों में ऑर्डर लगा दिए हैं। कंपनियां उत्पादन नहीं बढ़ाती हैं तो आने वाले समय में और भी कमी हो सकती है।

इन दिनों बच्चों से लेकर बड़े तक आई फ्लू की चपेट में आ गए हैं। जिला अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विनोद कुमार यादव का कहना है कि कई सालों बाद इस तेजी से ये बीमारी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। मानसूनी सीजन में इन दिनों मौसम में तेजी से उतार-चढ़ाव बना हुआ है। कभी तेज उमस भरी गर्मी हो जाती है, तो कभी बारिश के साथ-साथ सर्द हवाएं चलने लगती हैं। सर्द-गर्म का ये वातावरण वायरस के पनपने के लिए मुफीद होता है। ऐसे में आई फ्लू का वायरस इस सीजन में खूब हमलावर है। दो सप्ताह के अंदर ही वायरल कंजेक्टिवाइटिस के मरीजों की संख्या में एकदम से 20 गुना तक का उछाल आ गया है। वहीं, दवा विक्रेता दिनेश अग्रवाल ने बताया कि एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल आई ड्राॅप की खपत दोगुनी हो गई है। जिला केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव नितिन मोदी के मुताबिक कई मरीज आंख में जरा सी खुजली या दर्द होने पर बिना चिकित्सीय सलाह के ड्रॉप खरीदकर डाल रहे हैं। ऐसे में कई ब्रांडेड कंपनियों की एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल आई ड्राॅप भी शॉर्ट हो गई है।

इन आई ड्रॉप की खपत बढ़ी

– मोक्सीफ्लोक्सासिन

– टोब्रामाइसिन

– सिप्रोफ्लॉक्सिन

– ओफ्लोक्सासिन

– एजिथ्रोमाइसिन ऑइंटमेंट

इन बातों का रखें ध्यान

– घर आने पर साबुन से हाथ धोएं

– घर से बाहर हैं तो हाथों को सैनिटाइज करते रहें

– आंख में हाथ बिल्कुल नहीं लगाएं

– दूसरों से हाथ मिलाने से भी बचें

– बिना डॉक्टर से पूछे स्टेरॉयड युक्त आई ड्रॉप न डालें



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