आगरा में रामलीला का मंचन किया जा रहा है। राजा दशरथ संतान न होने से मायूस हैं। अपनी समस्या लेकर वह कुलगुरु वशिष्ठ के पास जाते हैं। शृंगी ऋषि पुत्र-कामेष्ठि यज्ञ करवाते हैं। यज्ञ कुंड से अग्नि देव प्रगट होकर प्रसाद में खीर देते हैं। राजा दशरथ तीनों रानियों कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा को खीर देते हैं। प्रभु राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न जन्म लेते हैं। चारों ओर उल्लास छा जाता है और मंगल गीत बजने लगते हैं। सोमवार को रामलीला मैदान पर इस लीला के मंचन ने सभी का मन मोह लिया।



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