Fierce fire broke out in two electronic showrooms in Jhansi many died

jhansi fire
– फोटो : अमर उजाला

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सोमवार की रात, 11 बजे का वक्त। इमारतों में आग लगे करीब छह घंटे हो गए, लेकिन वहां अब भी कुछ लोग फंसे हुए हैं। इनको निकालने की कोशिशों के बीच उनके परिजन अपनों के सुरक्षित निकल आने की दुआएं कर रहे हैं। लापरवाही और घूसखोरी के गठजोड़ का नतीजा इतना भयावह हो सकता है… यह सीपरी बाजार गवाही दे रहा था।

रामा बुक चौराहे के पास एक दुकान की दीवार से सटे खड़े प्रकाश चंद के भाई हरगोविंद उदास निगाहों से लोगों से पूछ रहे थे कुछ पता है क्या आपको। बोलने से पहले ही कह पड़े…प्रकाश उनका भाई है। वह यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी में काम करता है। अभी दिन में ही बात हुई थी। जैसे घटना के बारे में पता चला भागा-भागा आया हूं। 

शाम से रात होने को आई, लेकिन कुछ पता नहीं चल रहा है। कैसा होगा प्रकाश। उनके चेहरे पर उम्मीद और डर दोनों चस्पा थे। वहीं, कुछ दूरी पर खड़ीं ह्रदयेश की पत्नी रेनुका बेसुध थीं। वह लगातार इमारत की ओर देख रहीं थीं। वह बस इतना ही बोल पाईं… जल्द ही आ जाएंगे वह। ह्रदयेश इंश्योंरेंस कंपनी में काम करते हैं। ह्रदयेश की रिश्तेदार रश्मि सिंह ने बताया कि अब तो यही उम्मीद है कि सब लोग सुरक्षित बाहर निकल आएं। 

15 मिनट पहले ही निकल आया था…

बीआर ट्रेडर्स में सीनियर अकाउंटेंट यशवर्धन के चेहरे पर मौत से बचकर आने का डर है। वह अपने दोस्तों आकाश और अनुज के लिए चिंतिंत हैं। उन्होंने बताया कि वह आग लगने की घटना से करीब 15 मिनट पहले ही निकल आए थे। दोनों दोस्त जल्द साथ होंगे।



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