मुजफ्फरनगर संस्कृत और वेदों के प्रचारक, और आर्य समाज के समर्पित अनुयायी Acharya Gurudatt Arya  के योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए रविवार को संतोष विहार स्थित वैदिक संस्कार चेतना केंद्र में एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस सभा में विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रमुखों ने आचार्य गुरुदत्त के योगदान को याद किया और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

आर्य समाज और वेदों की ज्योति
सभा में स्वामी आर्यवेश, जो सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के राष्ट्रीय प्रधान हैं, ने कहा कि आचार्य गुरुदत्त आर्य ऋषि दयानंद के सिद्धांतों और आदर्शों के अनुकूल वेदों के प्रचारक रहे हैं। उन्होंने अपने जीवन को सनातन धर्म और वेदों की ज्योति को फैलाने में समर्पित किया। स्वामी आर्यवेश ने कहा, “आचार्य गुरुदत्त आर्य आर्य समाज के ज्योति पुंज थे और उन्होंने समाज को हमेशा सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।”


यज्ञ और वेद मंत्रोच्चार
सभा में यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें गुरुकुल द्रोण स्थली देहरादून की आचार्य डॉ. अन्नपूर्णा ने यज्ञ की पूजा अर्चना की। गुरुकुल की छात्राओं ने वेद मंत्रोच्चार किया और गायों को आशीर्वाद देने के लिए यज्ञ में आहुतियां अर्पित की। इस अवसर पर ओम दत्त आर्य और रेणु शर्मा जैसे प्रमुख व्यक्तित्व भी उपस्थित थे।


महर्षि पतंजलि और यज्ञ के महत्व पर प्रकाश
महर्षि पतंजलि अंतरराष्ट्रीय योग विद्या पीठ के संस्थापक स्वामी कर्मवीर ने अपने संबोधन में कहा कि आचार्य गुरुदत्त आर्य का ऋषि दयानंद और आर्य समाज के प्रति निष्ठा अतुलनीय थी। उनका जीवन संस्कारों और यज्ञ के माध्यम से समाज को जागरूक करने का था। उन्होंने युवाओं को दिशा और आध्यात्मिक उन्नति के लिए हमेशा प्रेरित किया।

आचार्य गुरुदत्त के जीवन से प्रेरणा
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आचार्य गुरुदत्त आर्य का जीवन हमेशा समाज के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा। पूर्व मंत्री योगराज सिंह, डॉ. भगत सिंह, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी आचार्य गुरुदत्त के कार्यों को याद किया और उनके योगदान को सराहा।


आर्य समाज को सशक्त बनाने में आचार्य जी का योगदान
श्रद्धांजलि सभा के दौरान, स्वामी आर्यवेश ने कहा कि आचार्य गुरुदत्त आर्य का योगदान आर्य समाज को सशक्त बनाने में अमूल्य था। उन्होंने यज्ञ, योग, और सामाजिक सुधार के माध्यम से लाखों लोगों के जीवन को सुधारने का कार्य किया। उन्होंने अंधविश्वास और पाखंड के खिलाफ सत्यार्थ प्रकाश और अन्य धार्मिक ग्रंथों का प्रचार किया।

शहीद भगत सिंह के भतीजे का संदेश
किरण जीत सिंह सिंधु, शहीद भगत सिंह के भतीजे, ने भी सभा में अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि आचार्य गुरुदत्त आर्य ने युवाओं को नई दिशा दी और उनके कार्यों से आगामी पीढ़ी को देशभक्ति और धर्म की सच्ची समझ दी।


समाज में सुधार और शुद्धता का कार्य
स्वामी सच्चिदानंद, स्वामी चंद्र देव, स्वामी यज्ञमुनि, और अन्य प्रमुख व्यक्तित्वों ने आचार्य गुरुदत्त के जीवन को शुद्धता, सत्य, और आध्यात्मिक उन्नति के प्रतीक के रूप में चित्रित किया। उन्होंने कहा कि आचार्य गुरुदत्त ने सनातन धर्म के लिए अपनी पूरी ज़िंदगी अर्पित की और उनकी नीतियों ने समाज में शुद्धता और सत्य का प्रचार किया।


विशेष कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया
सभा के अंत में यज्ञदत्त आर्य ने सभी विद्वानों और प्रमुख कार्यकर्ताओं का सम्मान किया। इस श्रद्धांजलि सभा में डॉ. वीरपाल निर्वाल, स्वामी धर्म मुनि, सुरेंद्र पाल सिंह, राकेश कुमार, और अन्य प्रमुख समाजसेवी उपस्थित रहे। उन्होंने आचार्य गुरुदत्त के योगदान को स्वीकार किया और उनके मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

आचार्य गुरुदत्त आर्य के योगदान को याद करते हुए इस श्रद्धांजलि सभा ने उनके जीवन के आदर्शों को समाज में फैलाने का एक संकल्प लिया है। उनके योगदान को लेकर यह श्रद्धांजलि सभा समाज के हर वर्ग को प्रेरित करती रहेगी।



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