समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के खिलाफ दर्ज मुकदमे में बृहस्पतिवार को फैसला आ गया। कोर्ट ने उन्हें साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। यह मुकदमा भड़काऊ भाषण से संबंधित है जिसे आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता फैसल खान लाला ने शहर कोतवाली में दो अप्रैल 2019 को दर्ज कराया था।

तब आजम खां पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े थे। उन पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप था। आम आदमी पार्टी के नेता की ओर से दर्ज रिपोर्ट में कहा गया था कि 29 मार्च 2019 को आजम खां ने सपा कार्यालय पर भाषण दिया था। इसकी वीडियो प्रसारित की थी।

उसमें आजम खां लोगों को तत्कालीन जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ भड़का रहे थे। उनके खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम आदि धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसकी जांच पूरी कर पुलिस ने आजम खां के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।

मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चली।  बृहस्पतिवार को कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में आरोपी आजम खां को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।



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