मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) – जिला आबकारी अधिकारी उदय राकेश बहादुर सिंह की कार्यशैली ने एक नई मिसाल कायम की है। अपनी सख्त नीतियों और कड़ी निगरानी के चलते, वे न केवल सरकारी राजस्व को बढ़ाने में सफल रहे हैं, बल्कि ओवर रेटिंग करने वालों पर कड़ी नकेल भी कसी है। राकेश बहादुर सिंह की कार्यप्रणाली ने उत्तर प्रदेश में एक नया रिकॉर्ड भी स्थापित किया है, जिसे अब शासन स्तर पर सराहा जा रहा है।
आबकारी अधिकारी की नीतियाँ और कार्यप्रणाली
राकेश बहादुर सिंह का नाम मुजफ्फरनगर में अब एक आदर्श के रूप में लिया जाता है। उनकी कार्यशैली तीव्र और जिम्मेदार है, और उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को बहुत ही संजीदगी से निभाया है। उनका मानना है कि केवल दृढ़ नीतियों और लगातार निगरानी से ही सरकारी राजस्व में वृद्धि की जा सकती है। अपने काम के प्रति उनकी निष्ठा और ईमानदारी को देखते हुए उन्हें कई बार प्रशंसा मिल चुकी है।
विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
राकेश बहादुर सिंह के नेतृत्व में, आबकारी विभाग ने कई अवैध और अनियमित गतिविधियों को खत्म करने के लिए कड़ी कार्रवाई की है। खासकर उन विक्रेताओं पर जो मदिरा की ओवर रेटिंग करते थे। ओवर रेटिंग करने वालों पर अंकुश लगाने और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने में उन्हें विशेष सफलता मिली है। इसके साथ ही, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सभी आबकारी दुकानों से खरीदी गई मदिरा का सही हिसाब किताब रखा जाए, ताकि किसी भी तरह की राजस्व हानि न हो।
निगरानी अभियान और पीओएस मशीन का उपयोग
राकेश बहादुर सिंह की निगरानी में, आबकारी विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हाल ही में, उन्होंने आबकारी दुकानों का निरीक्षण किया और यह सुनिश्चित किया कि सभी विक्रेताओं के पास पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीन हो। इस मशीन के माध्यम से मदिरा की बिक्री का रजिस्टर से मिलान किया गया। यह कदम न केवल पारदर्शिता लाने के लिए था, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने के लिए था कि किसी भी विक्रेता द्वारा गलत तरीके से रिकॉर्ड नहीं बनाए जाएं।
इस निरीक्षण के दौरान, उन्हें दुकानों पर अनुज्ञापनों की शर्तों का भी अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि सभी विक्रेताओं ने निर्धारित नियमों और शर्तों का पालन किया है, जिससे न केवल सरकारी राजस्व में वृद्धि होती है बल्कि यह उपभोक्ताओं के लिए भी सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है।
शासन और वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग
राकेश बहादुर सिंह की यह कार्रवाई पूरी तरह से शासन और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में की जा रही है। अपर मुख्य सचिव और आबकारी आयुक्त, उत्तर प्रदेश, प्रयागराज द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार ही यह निरीक्षण किया गया। जिलाधिकारी, मुजफ्फरनगर और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में इस कार्यवाही को सफल बनाया गया। अधिकारियों ने राकेश बहादुर सिंह की इस कड़ी कार्रवाई की सराहना की है, और इसे जिले में शराब की बिक्री में पारदर्शिता और नियंत्रण लाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना गया है।
रात-रातभर निरीक्षण: अधिकारियों का सतर्क रवैया
राकेश बहादुर सिंह का यह कदम यह भी दर्शाता है कि वे किसी भी समय, दिन हो या रात, हमेशा मुस्तैद रहते हैं। हाल ही में, उन्होंने देर रात तक आबकारी दुकानों का निरीक्षण किया और यह सुनिश्चित किया कि सभी विक्रेताओं द्वारा निर्धारित मानकों का पालन किया जा रहा है। यह कार्यवाही सिर्फ एक निरीक्षण तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह एक मजबूत संदेश भी है कि शराब की बिक्री में किसी प्रकार की गड़बड़ी को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राजस्व में वृद्धि और अपराध नियंत्रण
आबकारी विभाग द्वारा इस प्रकार की कड़ी कार्रवाई के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि जिले में शराब की बिक्री से होने वाला सरकारी राजस्व बढ़ेगा। साथ ही, यह भी देखा जा सकता है कि इस तरह की निगरानी से शराब के अवैध कारोबार पर कड़ी चोट लगेगी। राकेश बहादुर सिंह ने इसे एक बड़ा उद्देश्य मानते हुए काम किया है, जिससे न केवल सरकार को फायदा हो, बल्कि समाज में शराब के दुरुपयोग और अवैध गतिविधियों पर भी काबू पाया जा सके।
आबकारी निरीक्षकों की भूमिका
राकेश बहादुर सिंह के नेतृत्व में, आबकारी निरीक्षकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही है। निरीक्षकों ने विक्रेताओं को निर्देशित किया कि वे शत-प्रतिशत मदिरा की प्राप्ति और बिक्री पीओएस मशीन के माध्यम से करें। यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी विक्रेता नियमों का उल्लंघन न करे। निरीक्षकों के साथ-साथ सभी अधिकारी इस अभियान में पूरी तरह से शामिल हुए, और उनकी मेहनत से ही यह कार्यवाही सफल हो पाई।
आगे की योजना और पुलिस का समर्थन
आबकारी विभाग की यह सक्रियता आने वाले समय में और भी बढ़ने की उम्मीद है। विभाग के अधिकारी इस कदम को सिर्फ एक शुरुआत मानते हुए, भविष्य में और अधिक कड़ी कार्रवाई करने का इरादा रखते हैं। पुलिस का सहयोग भी इस कार्यवाही में अहम भूमिका निभा रहा है, और पुलिस के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आबकारी दुकानों से जुड़ी हर अनियमितता को पूरी तरह से खत्म किया जाए।
राकेश बहादुर सिंह की सक्रियता और कड़ी कार्यवाही ने मुजफ्फरनगर में आबकारी विभाग को एक नई दिशा दी है। उनके नेतृत्व में किए गए प्रयासों से न केवल सरकारी राजस्व में वृद्धि हुई है, बल्कि शराब के अवैध कारोबार को भी कड़ा विरोध मिला है। आबकारी विभाग और पुलिस की यह टीम कार्यवाही में हर कदम पर सटीकता और पारदर्शिता बनाए रखेगी, जिससे जिले में कानून व्यवस्था को और मजबूत किया जा सकेगा।