
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे।
– फोटो : Social Media
विस्तार
कांग्रेस जाति जनगणना के मुद्दे को निरंतर धार देगी। केंद्र सरकार की ओर से जातीय जनगणना नहीं कराने के मुद्दे को हर जनसभा में उठाएगी। पार्टी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षण की मौजूदा ऊपरी सीमा को बढ़ाने की भी मांग करेगी। वह लोकसभा चुनाव के दौरान जातीय जनगणना के साथ ही बेरोजगारी, संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग का भी मुद्दा उठाएगी।
हैदराबाद में हुई कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की बैठक में इन मुद्दों को निरंतर उठाने का संकल्प लिया गया है। बैठक से लौटे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अजय राय ने बताया कि बढ़ती असमानता, घटती आय, बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे को लेकर लोकतांत्रिक संस्थानों पर कब्ज़े का विरोध होगा। जहां भी किसी तरह की आपराधिक अथवा लोगों को प्रताड़ित करने की घटना होगी, वहां प्रदेश संगठन पहुंच कर लोगों के हक की लड़ाई लड़ेगा और न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करेगा।
ये भी पढ़ें – लोकसभा चुनाव: मोदी की हैट्रिक के लिए चुनावी पिच मजबूत करेंगे संघ और भाजपा, जोर दलित और पिछड़ों पर
ये भी पढ़ें – यूपी: जौनपुर के राजनेता ने 2000 करोड़ रुपये के काटे थे फर्जी बिल, जीएसटी रिफंड पाने के लिए रची साजिश
महिला आरक्षण को भी बनाएंगे मुद्दा
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि भाजपा सरकार द्वारा प्रस्तुत महिला आरक्षण बिल में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को शामिल नहीं करने के मामले को भी सड़क से लेकर सदन तक उठाया जाएगा। जनता को बताया जाएगा कि भाजपा ने किस तरह से महिलाओं को धोखा दिया है। बिल के अनुसार अधिनियम लागू होने के लिए दशकीय जनगणना एवं परिसीमन जरूरी है। मोदी सरकार 2021 की जनगणना कराने में असफल रही है। यह जी-20 का अकेला देश है, जो जनगणना नहीं करा पाया।