
ई-बस की टक्कर से स्कूटी सवार की मौत
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पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण के साथ प्रदेश को ई वाहनों का गढ़ बनाने के लिए वैकल्पिक ऊर्जा पर खासा जोर है। अगले चार साल में 5000 ई बसों से एक-एक गांव को जोड़ा जाएगा। ये ई बसें यूपी में ही तैयार होंगी। वैकल्पिक ऊर्जा के तहत 7500 मेगावाट सोलर बिजली उत्पादन के लिए 100 से ज्यादा इकाइयां आगे आई हैं। सोलर पालिसी इस दिशा में मील का पत्थर साबित हुई है।
पर्यावरण के अनुकूल प्रोजेक्ट को लेकर कई देश संवेदनशील हैं। इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए कम ब्याज पर लोन देने को तैयार हैं। जापान के जापान बैंक फार इंटरनेशनल कॉरपोरेशन ने यूपी सरकार को भी प्रस्ताव दिया है। ग्रीन फाइनेंस के तहत ज्यादा से ज्यादा प्रोजेक्ट लाने के लिए ये कवायद की जा रही है। यूपी में जापान का खास फोकस इसलिए भी है क्योंकि जापानी इंडस्ट्री भारत में यूपी को सबसे तेजी से उभरने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में देख रही है। ग्रीन प्रोजेक्ट योजना के तहत लोन गारंटी और इक्विटी से लोन दिया जा रहा है। इसे देखते हुए वैकल्पिक ऊर्जा को लेकर उत्तर प्रदेश ने तेज़ी से रफ्तार पकड़ी है।
ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत थर्मल पावर के अतिरिक्त सौर ऊर्जा को सबसे बड़े ऊर्जा स्रोत के रूप में देखा जा रहा है। एक तरफ सोलर पॉलिसी की घोषणा की गई है तो दूसरी तरफ ई वाहनों में सब्सिडी के लिए पालिसी लाई जा रही है। इसके अतिरिक्त बायो फ्यूल पालिसी को भी लाया जा रहा है। इसके अलावा ई वाहनों को यूपी की सबसे बड़ी इंडस्ट्री के रूप में स्थापित करने पर भी काम शुरू हो गया है। शहरी इलाकों में 700 ई बसों को चलाया जा रहा है। अगले पांच साल में 5000 ई बसों को ग्रामीण इलाकों में चलाया जाएगा। पांच हजार बसों को दूसरे राज्यों से मंगाने के बजाय अपने ही राज्य में बनाने की तैयारी है। इसके जरिए पहले चरण में ही दस हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।