Voting on swar and chhanbe assembly seats  will be held on 10 may.

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रामपुर की स्वार और मिर्जापुर की छानबे विधानसभा सीट पर उप चुनाव में कब्जा बचाने में अपना दल (एस) के साथ उसकी सहयोगी सत्तारूढ़ भाजपा की साख भी दांव पर है। प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव के शोरगुल में दो विधानसभा उप चुनाव का शोर हल्का पड़ गया है। लेकिन, दोनों सीटों के नतीजे आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महत्वपूर्ण होंगे। राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि स्वार और छानबे सीट पर प्रत्याशी भले ही अपना दल के हैं, लेकिन चुनाव के नतीजे भाजपा सरकार व संगठन के दृष्टिकोण से ही देखे जाएंगे। दोनों सीटों पर 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को निकाय चुनाव के साथ ही इन दोनों सीटों के परिणाम भी घोषित किए जाएंगे।

स्वार में अपना दल के मुस्लिम और सपा के हिंदू कार्ड की परीक्षा

मुस्लिम बहुल स्वार सीट पर सपा ने हिंदु वोट बैंक को साधने के लिए अनुराधा चौहान को प्रत्याशी बनाया है। वहीं अपना दल ने शरीफ अहमद अंसारी को टिकट दिया है। बसपा और कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। अंसारी पसमांदा समाज से आते हैं। भाजपा प्रदेश से लेकर देशभर में पसमांदा समाज के वोट बैंक में सेंध लगाने का पुरजोर प्रयास भी कर रही है। आजम खां की ओर से स्वार सीट को लेकर खुली चुनौती के बाद भाजपा और अपना दल के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। आगामी दिनों में सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक सहित सरकार के मंत्री वहां चुनावी दौरा कर सकते हैं।

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मिर्जापुर में राजनीतिक घरानों की बहुओं के बीच जंग

उधर, मिर्जापुर की छानबे सीट 2017 और 2022 में अपना दल ने जीती थी। अपना दल ने स्वर्गीय राहुल कोल की पत्नी रिंकी कोल को ही प्रत्याशी बनाया है। वहीं सपा ने कीर्ति कोल को प्रत्याशी बनाया है। अपना दल और सपा की प्रत्याशी राजनीतिक घरानों से होने के कारण मुकाबला दिलचस्प हो रहा है। रिंकी कोल सांसद पकौड़ीलाल कोल की पुत्रवधू हैं वहीं कीर्ति कोल के पिता भाईलाल कोल भी छानबे से विधायक रह चुके हैं। मिर्जापुर में अपना दल की अध्यक्ष व केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल का वर्चस्व माना जाता है। अपना दल ने छानबे सीट पर कब्जा बरकरार रखने में पूरी ताकत लगाई है।

साख बचाने के लिए अपना दल के साथ ताकत लगाएगी भाजपा

भाजपा ने अब तक हुए उप चुनाव को सरकार और संगठन की प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाते हुए चुनाव जीतने में पूरी ताकत लगाई है। यही वजह है कि रामपुर लोकसभा, आजमगढ़ लोकसभा, रामपुर विधानसभा उप चुनाव में भाजपा को जीत मिली। हालांकि मुजफ्फरनगर की खतौली सीट पर भाजपा को शिकस्त का सामना भी करना पड़ा था। भाजपा ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को स्वार सीट का प्रभारी नियुक्त किया है। वहीं अपना दल से योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष सिंह पटेल छानबे की कमान संभाल रहे हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान समाप्त होने के बाद अब भाजपा सरकार और संगठन पूरी ताकत के साथ स्वार और छानबे सीट पर हो रहे उपचुनाव में जुटेंगे।

पसमांदा का असर लोकसभा चुनाव तक जाएगा

स्वार में हिन्दू प्रत्याशी उतारने के बाद भी सपा ने उप चुनाव जीता तो स्पष्ट संकेत जाएगा कि मुस्लिम सपा के ही साथ हैं। वहीं यदि अपना दल ने चुनाव जीता तो भाजपा की रणनीति के साथ पसमांदा समाज को साधने की योजना सफल होगी। यह रणनीति मी लोकसभा चुनाव तक असर करेगी।



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