
अतीक अहमद और उमेश पाल (फाइल फोटो)
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उमेश पाल हत्याकांड में जिन आठ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई, उन सभी ने अलग-अलग भूमिका निभाई। अतीक के बहनोई डाॅ. अखलाक ने जहां फरारी काट रहे पांच लाख के इनामी गुड्डू मुस्लिम को अपने घर में शरण दी। वहीं खान सौलत हनीफ ने घटना के ठीक पहले कचहरी से निकलते वक्त उमेश की लोकेशन अतीक के अलावा असद व अन्य शूटरों को दी थी।
अखलाक के घर के सीसीटीवी फुटेज से यह बात सामने आई थी कि हत्याकांड के बाद फरारी काटने के दौरान गुड्डू मुस्लिम 19 मार्च को अखलाक के घर पहुंचा था। अखलाक ने न सिर्फ उसे शरण दी बल्कि अतीक के कहने पर 50 हजार रुपये भी दिए थे। इसी तरह पुलिस के मुताबिक, खान सौलत ने घटना में अपनी संलिप्तिता खुद तब कबूली थी जब धूमनगंज पुलिस ने उसे कस्टडी रिमांड पर लिया था।
इस दौरान उसने अपने घर से तीन मोबाइल बरामद कराए थे। इनमें से एक आईफोन था जिसके जरिए ही सौलत ने उमेश की कचहरी से निकलने की बात अतीक समेत अन्य को बताई थी। यही नहीं उसने यह भी बताया था कि फेसटाइम एप के जरिए ही वह अतीक, अशरफ समेत अन्य से लगातार संपर्क में रहता था।