नैमिषारण्य(सीतापुर)। नैमिषारण्य तपोभूमि ऋषियों की पावन धरा है। यहां का कण-कण पावन है। प्रत्येक वृक्ष भगवान विष्णु का साक्षात रूप है। भगवान की कृपा होने पर ही तीर्थ में कथा सुनने का सौभाग्य मिलता है। बलराम धर्मशाला में बुधवार से शुरू हुई भागवत कथा में कथाव्यास राघवेंद्र पाराशर शास्त्री ने लोगों से अच्छे कर्म करने की अपील की।

भागवत कथा के पहले दिन सबसे पहले शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा धर्मशाला से पावन चक्रतीर्थ पहुंची। यहां पर श्रद्धालुओं ने कलश में जल भरकर कथास्थल पहुंचकर पूजा अर्चना की।

कथाव्यास ने कहा कि व्यक्ति इस संसार से केवल अपना कर्म लेकर जाता है। इसलिए सत्कर्म करो। मुक्ति पाने के लिए भगवत की कथा सुनो। केवल सुनो ही नहीं बल्कि भागवत के विचारों पर अमल करो। सच्चा हिंदू वही है जो कृष्ण की सुने और उसको माने। गीता की सुनो और उसकी मानो।

मां-बाप व गुरु की सुनो तो उनकी बातों का अनुसरण करो। आपके कर्म जब श्रेष्ठ होंगे तो आपको संसार की कोई भी वस्तु कभी दुखी नहीं कर पाएगी। पहले दिन की कथा के समापन पर रामावतार आगीवाल, नटवर लाल आगीवाल, कमल आगीवाल, विमल आगीवाल, सूर्या आगीवाल, नाथू लाल अग्रवाल, नवल गुप्ता प्रभु ने भागवत भगवान की आरती उतारी। कथा के आयोजक माधौपुर वाले आगीवाल परिवार ने श्रद्धालुओं से कथा में शामिल होने की अपील की है।



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