
बसपा सुप्रीमो मायावती।
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चुनाव दर चुनाव यूपी में दांव गलत पड़ने के कारण बसपा यूपी के अलावा अन्य राज्यों पर भी फोकस कर रही है। कोशिश यह है कि लोकसभा चुनाव से पहले जहां यूपी में पार्टी को मजबूती मिल जाए तो वहीं अन्य राज्यों में भी ग्राफ थोड़ा ऊपर चला जाए। बसपा सुप्रीमो लगातार अन्य राज्यों के पदाधिकारियों की बैठक ले रही हैं। उन्होंने छह राज्यों के पदाधिकारियों की बैठक लेकर कहा है कि अपने अपने राज्य में पार्टी संगठन को मजबूत करो और जो पदाधिकारी काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें हटाओ। दरअसल इन सभी राज्यों में बसपा पदाधिकारियों में फेरबदल करने की तैयारी कर रही है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा चारों खाने चित हो गई। मात्र एक सीट पर बसपा उम्मीदवार को जीत हासिल हुई। इसके बाद हुए नगर निकाय चुनाव में भी यही हाल रहा। बसपा महापौर पद पर एक भी सीट नहीं जीत सकी, जबकि पिछले चुनाव में उसने दो सीटें जीत ली थीं। अब बसपा अन्य प्रदेशों पर फोकस कर रही है। बसपा सुप्रीमो अब तक लखनऊ में ही छह प्रदेशों के पदाधिकारियों की बैठक ले चुकी हैं।
दिल्ली, जम्मू कश्मीर और झारखंड के अलावा कर्नाटक, महाराष्ट्र व उत्तराखंड के पदाधिकारियों की बैठक में पार्टी आगे की तैयारियों पर जोर दिया जा रहा है। दरअसल मायावती का फोकस इन सभी प्रदेशों के दलित वोटरों पर है। उन्होंने इन सभी प्रदेशों के पदाधिकारियों को भी कहा है कि इस वर्ग पर फोकस करो।
इन सभी राज्यों में यह वर्ग ऐसा है कि यदि बसपा पदाधिकारी इनके बीच जाएं और इनका रुझान जरा सा भी बसपा की तरफ हो जाए तो बसपा वहां बेहतर स्थिति में होगी। सरकार भले ही न बना सके पर अपनी स्थिति दमदार तरह से दर्ज करा सकेगी। दूसरे दलों के साथ आकर मजबूत स्थिति में खड़ी हो सके। इसी को लेकर आगे भी बैठकों का दौर जारी रखने की बात कही जा रही है।
सभी जगह युवाओं को जोड़ने पर जोर
यूपी के साथ ही बसपा इन सभी राज्यों में युवाओं पर फोकस कर रही है। दरअसल बसपा की मंशा है कि पुराने ऐसे कार्यकर्ता जो अब निष्क्रिय हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाकर यूथ टीम खड़ी की जाए। इन सभी बैठकों में कहा गया है कि युवाओं को जोड़ें। इसके लिए दूसरे दलों के ऐसे युवाओं पर भी निगाह है जो वहां उपेक्षित हैं। इन सभी को जिम्मेदारियां देने को भी कहा गया है।