विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर मुजफ्फरनगर की धरती ने एक नया इतिहास रचा। “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत Muzaffarnagar Police रिजर्व पुलिस लाइन मुजफ्फरनगर में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसने मातृत्व और पर्यावरण संरक्षण को एक अद्भुत संगम में बांध दिया। इस विशेष अवसर ने जहां प्रकृति की गोद को हरा-भरा किया, वहीं माताओं के प्रति श्रद्धा और सम्मान को भी एक नई ऊंचाई प्रदान की।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने दिखाई प्रेरणा की राह
इस अभियान की अगुवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने की। उन्होंने स्वयं फलदार और छायादार वृक्षों का रोपण कर न केवल पर्यावरण को समर्पण दिखाया, बल्कि समस्त पुलिस बल को इस दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने अपने भाषण में जोर देकर कहा कि “ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन आज विश्व की सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। और इनसे लड़ने के लिए हमें वृक्षारोपण जैसे छोटे लेकिन प्रभावी कदम उठाने होंगे।”
वृक्षारोपण के पीछे भावनात्मक प्रेरणा: मां के नाम एक पेड़
इस अभियान की विशेष बात यह थी कि प्रत्येक वृक्ष मां के नाम पर लगाया गया। इस पहल ने पूरे वातावरण को भावनात्मक बना दिया। माताओं के सम्मान में लगाया गया एक-एक पौधा आने वाले वर्षों में एक मजबूत वृक्ष बनेगा और भविष्य की पीढ़ियों को स्वच्छ हवा और सुरक्षित पर्यावरण प्रदान करेगा।
वरिष्ठ अधिकारियों ने निभाई जिम्मेदारी, किया प्रेरक योगदान
अभियान के अंतर्गत केवल संजय कुमार वर्मा ही नहीं, बल्कि पुलिस अधीक्षक नगर सत्यनारायण प्रजापत, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आदित्य बंसल, पुलिस अधीक्षक अपराध श्रीमति इन्दु सिद्धार्थ, क्षेत्राधिकारी नगर/लाइन राजू कुमार साव, क्षेत्राधिकारी फुगाना ऋषिका सिंह, प्रतिसार निरीक्षक ऊदल सिंह, और पीआरओ राकेश कुमार ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सभी अधिकारियों ने नीम, पीपल, आम, जामुन जैसे पारंपरिक भारतीय वृक्षों का रोपण कर पर्यावरणीय संतुलन को मज़बूती प्रदान की।
“एक पेड़ मां के नाम” बना जन अभियान
मुजफ्फरनगर में प्रारंभ हुआ यह भावनात्मक अभियान केवल पुलिस महकमे तक सीमित नहीं रहा, बल्कि आमजन तक अपनी पहुंच बना चुका है। स्थानीय नागरिकों ने भी इस मुहिम को समर्थन देना प्रारंभ कर दिया है। कई स्कूल, कॉलेज और सामाजिक संस्थाएं इस पहल से जुड़कर वृक्षारोपण कर रही हैं।
वृक्षारोपण और पर्यावरण जागरूकता: एक स्थायी भविष्य की ओर
वृक्ष न केवल वातावरण को शुद्ध करते हैं, बल्कि वर्षा, जल संरक्षण, भूमि क्षरण रोकने और जैव विविधता को बनाए रखने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह अभियान इस सत्य को उजागर करता है कि पर्यावरण की रक्षा तभी संभव है जब समाज मिलकर कार्य करे।
जनजागरूकता के लिए विशेष संदेश
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अपने संदेश में कहा कि “वृक्षारोपण एक दिन का काम नहीं है, यह एक दीर्घकालीन जिम्मेदारी है। जब तक ये पौधे वृक्ष नहीं बन जाते, तब तक इनकी देखभाल और सुरक्षा करना हम सबका दायित्व है।” यह संदेश केवल पुलिस बल के लिए नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणादायक है।
छोटे प्रयासों से बड़ी क्रांति की ओर
“एक पेड़ मां के नाम” एक प्रतीकात्मक प्रयास है जो यह दर्शाता है कि भावनात्मक जुड़ाव हमें जिम्मेदारी के साथ पर्यावरण संरक्षण की ओर प्रेरित कर सकता है। मातृत्व के प्रति सम्मान और प्रकृति के प्रति समर्पण का यह सुंदर संगम देश के कोने-कोने में फैल सकता है, बशर्ते हर नागरिक इस सोच को अपनाए।
छात्रों और युवाओं की भूमिका भी अहम
इस अभियान में युवा वर्ग को भी जोड़ा जा रहा है। स्कूलों में इसके लिए विशेष कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं जहां छात्रों को वृक्षारोपण का महत्व, पेड़ लगाने की विधि, और उनकी देखभाल के तरीकों की जानकारी दी जा रही है।
पर्यावरण दिवस पर वृक्ष, लेकिन लक्ष्य पूरे वर्ष
हालांकि यह कार्यक्रम विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित किया गया, लेकिन इसकी आत्मा पूरे वर्ष जीवित रखनी होगी। वृक्षारोपण केवल एक रस्म नहीं बल्कि एक आंदोलन बनना चाहिए।
मुजफ्फरनगर में शुरू हुआ “एक पेड़ मां के नाम” अभियान सिर्फ एक पर्यावरणीय पहल नहीं है, बल्कि यह समाज के हृदय से जुड़ा एक भावनात्मक आंदोलन बन चुका है। यदि हर नागरिक एक पेड़ अपनी मां के नाम पर लगाए, तो ना सिर्फ मातृत्व का सम्मान होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को एक हरा-भरा, सुरक्षित और समृद्ध पर्यावरण भी प्राप्त होगा। यही है इस पहल की सच्ची सफलता।