राष्ट्रीय राजमार्गों के टोल प्लाजा पर भुगतान की दर में बदलाव किया गया है। बिना फास्टैग के वाहनों पर अब तक दोगुना लगने वाले टोल की राशि में यूपीआई से भुगतान करने पर 75 प्रतिशत की राहत दी गई है। वहीं, नगद भुगतान पर दोगुना टोल लेने की व्यवस्था लागू रहेगी।

झांसी होकर निकले कानपुर व ललितपुर हाईवे काफी व्यस्त माने जाते हैं। दोनों ओर पांच टोल प्लाजा हैं। ललितपुर स्थित विघा महर्रा, बबीना, एट, सेमरी, आटा टोल प्लाजा एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) द्वारा बनाए गए हैं। इन सभी टोला प्लाजा से एक दिन में 50 हजार से अधिक वाहनों का आना-जाना होता है। अधिकांश वाहनों में फास्टैग रहता है, लेकिन कुछ वाहन ऐसे होते हैं जिनमें फास्टैग नहीं रहता। टोल से गुजरने पर अब तक उनसे दोगुनी राशि वसूली जाती थी। लेकिन इस व्यवस्था में 15 नवंबर से बदलाव किया गया है। अब अगर वे यूपीआई से पेमेंट करते हैं तो उन्हें सिर्फ सवाई रकम देनी होगी।

टोल पर बार कोड की सुविधा

यह कदम सरकार ने इसलिए उठाया है ताकि नगद में होने वाली गड़बड़ियों को कम किया जा सके और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिले। यात्रियों की सुविधा के लिए सभी टोल प्लाजा पर बार कोड युक्त होर्डिंग्स लगा दिए गए हैं।

इन टोल से निकल रहे इतने वाहन

ललितपुर से 8,000 वाहन

बबीना टोल से 10,000 वाहन

सेमरी टोल से 8,000 वाहन

एट टोल से 9,000 वाहन

आटा टोल से 11,000 वाहन

वार्षिक पास भी उपलब्ध

फास्टैग वाहनों के लिए वार्षिक पास भी शुरू किया गया है। इसकी कीमत 3,000 रुपये प्रति वर्ष है, इसमें 200 चक्कर की सुविधा दी गई है। झांसी सीमा में बने पांच टोल से गुजरने वाले करीब 50 हजार वाहनों में 7500 कार चालक इसका लाभ भी ले रहे हैं।

इनका यह है कहना

झांसी एनएचएआई के डिप्टी मैनेजर अविनाश मंडीवाल ने बताया कि बिना फास्टैग गुजरने वाले वाहनों से अभी दोगुना टोल वसूला जाता था। नियमों में बदलाव के बाद टोल प्लाजा पर बार कोड लगाए गए हैं। यूपीआई से यदि भुगतान करेंगे तो उन्हें सवाई भुगतान करना होगा।

 



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