मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य के लिए कुछ शिक्षकों ने पत्नियों के गर्भवती होने का हवाला देकर ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए आवेदन किया है। अब अधिकारी ऐसे आवेदनों के मेडिकल सर्टिफिकेटों का मेडिकल बोर्ड से सत्यापन करा रहे हैं। सभी तहसीलों में रोजाना अधिकारियों के पास बीमारी के प्रमाण पत्र पहुंच रहे हैं। हाल ही में बिना जानकारी दिए ड्यूटी न करने पर कई बीएलओ के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।

ऐेसे में अब शिक्षक बीएलओ के काम से बचने के लिए मेडिकल लगा रहे हैं। एसआईआर घोषित होने के बाद से प्रशासन ने सख्ती दिखाते बीएलओ ड्यूटी में शामिल (शिक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, इंजीनियरों) कर्मचारियों को सख्ती से ड्यूटी करने के आदेश दिए हैं।

मेडिकल बोर्ड से होगी प्राइवेट प्रमाणपत्रों की जांच

बीमारी के मेडिकल प्राइवेट अस्पतालों के हैं। इनकी जांच के लिए जिला स्तर पर अब मेडिकल बोर्ड का गठन कर जांच कराई जाएगी। अन्य बहानों के लिए भी टीमों को शिक्षकों के घर तक भेजा जा रहा है। एसडीएम एत्मादपुर सुमित कुमार सिंह ने कहा कि एसआईआर का काम अति महत्वपूर्ण है। ऐसे में किसी भी बहाने की वजह से ड्यूटी नहीं कटेगी। जांच के बाद जहां जरूरत महसूस होगी, सिर्फ उन्हीं मामलों में रियायत दी जाएगी।

तीन के खिलाफ एफआईआर के आदेश

एसडीएम सुमित कुमार सिंह ने बताया कि ड्यूटी से गायब होने पर तीन बीएलओ के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए गए हैं। शनिवार को तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी कराई जाएगी। बीएसए आगरा जितेंद्र कुमार गोंड ने बताया कि बीएलओ में ड्यूटी नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी। छुट्टी या ड्यूटी कटवाने के लिए दिए जा रहे मेडिकल सर्टिफिकेट की भी जांच कराई जाएगी।

 



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