ककरौली/ Muzaffarnagar मीरापुर विधानसभा क्षेत्र में आगामी उपचुनाव के मद्देनजर अवैध शराब की तस्करी का एक बड़ा मामला सामने आया है। स्थानीय पुलिस, आबकारी विभाग और फील्ड स्टाफ टीम (एफ.एस.टी) ने मिलकर एक मारुति कार से लगभग ढाई लाख रुपए कीमत की हरियाणा- पंजाब मार्का अवैध शराब के साथ दो युवकों को रंगे हाथों पकड़ लिया है। यह कार्रवाई स्थानीय प्रशासन की सतर्कता और चुनाव के दौरान निष्पक्षता बनाए रखने की कोशिशों का एक हिस्सा है।

घटना का ब्योरा

पुलिस के अनुसार, बीती देर रात ककरौली क्षेत्र में संदिग्ध वाहनों की जांच के दौरान टीम ने जटवाडा चौकी के पास एक मारुति सुजुकी एसएक्स4 कार को रोका। जांच में टीम को इस कार से बड़ी मात्रा में अवैध शराब बरामद हुई। कार में मौजूद दो युवकों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से बरामद की गई शराब में शामिल हैं:

  • 111 बोतल चंडीगढ़ मार्का अंग्रेजी शराब
  • 132 बोतल राजधानी चंडीगढ़ मार्का अंग्रेजी शराब
  • 480 पव्वे पंजाब मार्का अंग्रेजी शराब

गिरफ्तार आरोपी

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने अपनी पहचान शिवम राजपूत, पुत्र संदीप निवासी हरिनगर कॉलोनी कच्ची फाटक थाना मॉडल टाउन, जिला पानीपत, हरियाणा और पवन कुमार, पुत्र जिले सिंह निवासी ग्राम दरियापुर, थाना मतलौडा, जिला पानीपत, हरियाणा के रूप में बताई है। इन दोनों युवकों को अवैध शराब तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और उनके खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस और प्रशासन की सक्रियता

इस मामले में सीओ भोपा डॉ. रविशंकर मिश्रा ने बताया कि उपचुनाव को निष्पक्ष, शान्तिपूर्ण और स्वतंत्र रूप से सम्पन्न कराने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह के निर्देशन में अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य अवैध धन, मादक पदार्थों और अवैध शस्त्रों के परिवहन को रोकना है।

पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आदित्य बंसल के पर्यवेक्षण में और प्रभारी निरीक्षक थाना ककरौली राजीव शर्मा के नेतृत्व में चलाए गए इस संयुक्त अभियान में स्थानीय आबकारी टीम और फील्ड स्टाफ भी शामिल थे।

स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया

इस प्रकार की अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है। उन्होंने कहा कि ऐसे अभियान न केवल चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने वाली अवैध गतिविधियों को रोकते हैं, बल्कि समाज में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में भी मदद करते हैं।

उपचुनाव के नजदीक आते ही इस प्रकार की घटनाएं राजनीतिक स्थिति को बिगाड़ सकती हैं। इसलिए, स्थानीय प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे ऐसे तस्करों के खिलाफ कठोर कदम उठाएं। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि पुलिस और प्रशासन जब एकजुट होकर कार्य करते हैं, तो वे समाज में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने में सक्षम होते हैं।

इस कार्रवाई के माध्यम से पुलिस ने यह संदेश दिया है कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्थानीय समुदाय को इससे उम्मीद है कि आगामी चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न होंगे।



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