लखनऊ में कोडिनयुक्त फेन्सेडिल कफ सिरप की सप्लाई देश के अलग अलग राज्यों के अलावा इस्लामिक देशों में भी की जा रही थी। मोटा मुनाफा कमाने के लिए नशे के सौदागरों ने बांग्लादेश को ठिकाना बनाया था। बांग्लादेश के रास्ते सिरप को पाकिस्तान भी भेजा गया था। एसटीएफ की छानबीन में इसका खुलासा हुआ है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने भी पूछताछ में विदेशों में नशीला सिरप सप्लाई करने की बात कबूल की है।



एसटीएफ की जांच में पता चला है कि कंपनी ने सिरप बनाने के बाद पहले इसका दाम 140 रुपये तय किया था। धीरे-धीरे सिरप की मांग बढ़ने लगी तो इसका रेट भी बढ़ा दिया गया। इस्लामिक देशों में नशे के लिए इसका इस्तेमाल तेजी से होने लगा। इसके बाद 140 रुपये की शीशी का दाम दो सौ रुपये कर दिया गया।

हालांकि, बाजार में इसे 500 से 600 रुपये रुपये में बेचा जा रहा था। गिरोह के कई सदस्य बांग्लादेश में सप्लाई का काम देखते थे, जिन्हें दूसरे देशों में सप्लाई का जिम्मा दिया गया था। बताया जा रहा है कि गिरोह ने अफगानिस्तान और सऊदी अरब में भी सिरप की सप्लाई की है। यहां पर शराब बंदी है। इस्लामिक देशों में शराब को हराम माना जाता है।

शराब बंदी वाले राज्यों में फैलाया जाल

गिरोह ने देश के जिन राज्यों में शराब बंदी है वहां पर अपना नेटवर्क बढ़ाया था। इनमें गुजरात, बिहार, मिजोरम और नागालैंड भी शामिल हैं। पश्चिम बंगाल में भी बड़े पैमाने पर तस्करी की गई है। एसटीएफ का कहना है कि शराब बंदी वाले राज्यों में सर्वाधिक सप्लाई की गई है।

दुबई में छिपे शुभम जायसवाल ने अलग-अलग राज्यों में लोगों को काम दे रखा था। एसटीएफ ने संदेह के आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। सभी से पूछताछ की जा रही है। एसटीएफ इस मामले में कुछ और लोगों को भी गिरफ्तार करेगी।

 



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