कांवड़ यात्रा 2025 नजदीक आते ही उत्तर प्रदेश प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है। विशेष रूप से Muzaffarnagar ज़िले में आबकारी विभाग की सख्ती साफ देखी जा सकती है। कांवड़ यात्रा के दौरान शहरों और राजमार्गों पर यातायात प्रभावित रहता है, ऐसे में आवश्यक सामग्री की आपूर्ति पर खास ध्यान देना जरूरी हो जाता है। इसी कड़ी में जिला आबकारी अधिकारी ने एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया।
बैठक में शामिल हुए जिले के तमाम लाइसेंसधारी
मुजफ्फरनगर स्थित आबकारी कार्यालय में बुलाई गई इस उच्च स्तरीय बैठक में सीएल-2, एफएल-2 और एफएल-2बी के सभी थोक अनुज्ञापियों को बुलाया गया था। बैठक की अध्यक्षता जिला आबकारी अधिकारी ने की और उनके साथ जिले के समस्त आबकारी निरीक्षक भी मौजूद रहे। बैठक का उद्देश्य था—कांवड़ यात्रा के दौरान शराब की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करना।
प्रयागराज से आए निर्देशों पर सख्ती से अमल
बैठक के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि प्रमुख सचिव एवं आबकारी आयुक्त, उत्तर प्रदेश, प्रयागराज द्वारा भेजे गए निर्देशों के तहत ही यह कार्रवाई की जा रही है। साथ ही जिला प्रशासन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुजफ्फरनगर के निर्देशन में भी पूरे अभियान को अंजाम दिया जा रहा है।
15 जुलाई तक करनी होगी पर्याप्त शराब की व्यवस्था
बैठक में सभी अनुज्ञापियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने गोदामों में 15 जुलाई 2025 तक शराब की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें। चूंकि कांवड़ यात्रा के दौरान आवागमन बाधित रहेगा, इसलिए अग्रिम इंडेंटिंग कर ली जाए जिससे किसी भी प्रकार की किल्लत न हो।
पिछले वर्षों के अनुभव से सीखा सबक
पिछले वर्षों में देखा गया है कि कांवड़ यात्रा के समय गोदामों तक पहुंचना कठिन हो जाता है, जिससे शराब वितरण में समस्या उत्पन्न होती है। कुछ स्थानों पर कानून-व्यवस्था भी बिगड़ी थी जब शराब की कमी के कारण दुकानों पर भीड़ बढ़ गई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार पहले से ही पूरी योजना बनाई जा रही है।
कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा के मद्देनज़र हुई चर्चा
इस बैठक में यह भी चर्चा हुई कि यात्रा के दौरान शराब की दुकानों के आसपास विशेष निगरानी रखी जाए। असामाजिक तत्वों द्वारा किसी भी तरह की अव्यवस्था फैलाने की संभावना को देखते हुए प्रशासन और आबकारी विभाग ने संयुक्त रणनीति पर काम करने का निर्णय लिया है। पुलिस बल के साथ समन्वय कर संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष इंतज़ाम किए जाएंगे।
शराब की अवैध बिक्री पर पूरी तरह से लगाम लगाने की चेतावनी
जिला आबकारी अधिकारी ने स्पष्ट कहा कि यदि किसी भी अनुज्ञापी द्वारा निर्धारित आदेशों की अवहेलना की गई या अवैध तरीके से बिक्री की सूचना मिली, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। लाइसेंस रद्द करने से लेकर एफआईआर दर्ज करने तक की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
व्यवस्था को लेकर लाइसेंसधारियों की भी मिली सहमति
बैठक में मौजूद सीएल-2, एफएल-2, और एफएल-2बी अनुज्ञापियों ने प्रशासन को आश्वासन दिया कि वे दिए गए सभी निर्देशों का पालन करेंगे। उन्होंने बताया कि उन्होंने कांवड़ यात्रा के मद्देनज़र पहले से ही ऑर्डर बढ़ा दिए हैं और अधिक स्टॉक रखने की तैयारी कर ली है।
प्रदेश भर में आबकारी विभाग की नजरें टिकीं
केवल मुजफ्फरनगर ही नहीं, बल्कि पूरा उत्तर प्रदेश इस समय कांवड़ यात्रा के सफल आयोजन की तैयारी में जुटा हुआ है। आबकारी विभाग हर जिले में ऐसे ही बैठकें आयोजित कर रहा है ताकि कोई भी क्षेत्र शराब की उपलब्धता को लेकर परेशानी का सामना न करे।
अधिकारियों ने किया गोदामों का निरीक्षण भी
बैठक के बाद जिला आबकारी अधिकारी और निरीक्षक टीम ने कुछ गोदामों का अचानक निरीक्षण भी किया। उन्होंने स्टॉक की स्थिति, सेफ्टी उपायों और गोदामों की पहुंच के बारे में जानकारी ली। यह सुनिश्चित किया गया कि शराब गोदामों में न केवल स्टॉक पूरा हो, बल्कि सुरक्षा भी चाक-चौबंद रहे।
कांवड़ यात्रा से पहले रूट मैप और लॉजिस्टिक्स पर भी चर्चा
शराब गोदामों की पहुंच को लेकर रूट मैप तैयार किया जा रहा है ताकि पुलिस और प्रशासन के सहयोग से आवश्यक वस्तुएं समय पर पहुंच सकें। आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर वैकल्पिक रूट पर भी विचार किया जा रहा है।
नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई
कांवड़ यात्रा की संवेदनशीलता को देखते हुए आबकारी विभाग ने हर क्षेत्र में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है। ये अधिकारी न केवल स्टॉक की निगरानी करेंगे, बल्कि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत निर्णय लेने के लिए अधिकृत होंगे।
कांवड़ यात्रा: धार्मिक आस्था और प्रशासनिक जिम्मेदारी
कांवड़ यात्रा उत्तर भारत की एक विशाल धार्मिक यात्रा है जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि प्रशासनिक तौर पर भी बड़ी चुनौती होती है। इसलिए हर विभाग की जिम्मेदारी दोगुनी हो जाती है—और आबकारी विभाग उसमें अहम भूमिका निभाता है।
सभी विभागों के साथ समन्वय पर ज़ोर
आबकारी विभाग ने बैठक में यह भी दोहराया कि पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और ट्रांसपोर्ट विभाग के साथ समन्वय बहुत जरूरी है। किसी भी चूक की स्थिति में पूरे अभियान पर असर पड़ सकता है। इसलिए यह बैठक केवल शराब की उपलब्धता नहीं, बल्कि सामूहिक व्यवस्था सुनिश्चित करने का एक प्रयास था।
शांति और अनुशासन के साथ हो आयोजन, यही प्राथमिकता
अंततः अधिकारियों ने यह संदेश दिया कि कांवड़ यात्रा को शांति, व्यवस्था और अनुशासन के साथ आयोजित करना ही सभी विभागों की प्राथमिकता होनी चाहिए। सभी लाइसेंसधारियों से भी यही अपेक्षा की गई कि वे अपनी जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाएं।
मुजफ्फरनगर में आबकारी विभाग की इस सख्त कार्यवाही से यह स्पष्ट है कि कांवड़ यात्रा 2025 को लेकर राज्य प्रशासन किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं चाहता। शराब की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की पूरी तैयारी है। अब देखना यह होगा कि इस बार का आयोजन कितना अनुशासित और सफल रहता है।