
लखनऊ-कानपुर हाईवे पर लगा जाम
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कानपुर से लखनऊ के बीच दो से ढाई घंटे में पूरा होने वाला सफर जाम की वजह से पांच घंटे में पूरा हो रहा है। उन्नाव के सोहरामऊ से बनी में एलिवेटेड एक्सप्रेस वे बनने, ग्रीनफील्ड विकसित होने और कानपुर-लखनऊ हाईवे को फोरलेन से छह लेन करने का काम हो रहा है। रात के वक्त हैवी वाहनों के गुजरने से रात में हाईवे पर सफर करने वालों को परेशानियां ज्यादा हो रही हैं।
कानपुर से लखनऊ के बीच रोजाना 110 बसों का संचालन होता है। इसमें 60 बसें कानपुर परिक्षेत्र की और 50 बसें लखनऊ परिक्षेत्र की चलती हैं। आम तौर पर तीन घंटे में सफर पूरा करने वाली बसें पांच घंटे में कानपुर से लखनऊ की दूरी तय कर रही हैं। एक बस दो दिनों के लिए तीन बार आती और जाती है। 110 बसें दो दिनों में औसत 300 बार आती-जाती हैं लेकिन इस समय यात्रा देर में पूरी होने से 50 फेरे घट गए हैं। समय बचाने के लिए यात्री ट्रेनों से सफर करने को मजबूर हैं, लेकिन गोरखपुर में रेलवे के एनआई का काम होने से लखनऊ होकर चलने वाली छह जोड़ी ट्रेनें भी निरस्त चल रही हैं। ऐसे में कानपुर से लखनऊ के बीच चल रहीं एक्सप्रेस और सुरफास्ट ट्रेनों के स्लीपर और एसी कोचों में यात्री सफर कर रहे हैं।
पांच सितंबर के बाद मिलेगी राहत
रेलवे ने गोरखपुर से चलने वाली 23 जोड़ी ट्रेनों को निरस्त किया है। इनमें छह जोड़ी ट्रेनें कानपुर होकर आती जाती हैं। इन ट्रेनों के पांच सितंबर को बहाल होने के बाद ट्रेनों में यात्रियों को जगह मिलेगी। कानपुर सेंट्रल स्टेशन के एसीएम संतोष त्रिपाठी ने बताया कि रोडवेज से सफर करने वाले यात्री भी सड़क मार्ग खराब होने की वजह से ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं। इन दिनों अलग अलग रूट पर काम की वजह से ट्रेनें निरस्त होने से यात्री आरक्षित श्रेणी के कोचों में यात्रा कर रहे हैं। इससे चेकिंग अभियान में जुर्माना बढ़ा है।
रोडवेज प्रबंधन को फोन कर रहे यात्री
परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक लव कुमार सिंह ने बताया कि कानपुर से लखनऊ के बीच इस वक्त बस का सफर करीब पांच घंटे में पूरा हो रहा है। हाईवे पर काम होने की वजह से बसें धीमी गति से चल रही हैं। इस पर यात्री भी बार-बार फोन कर नाराजगी जता रहे हैं। बसों के फेरे कम हुए हैं और यात्री भी घटे हैं।