डॉ. मुरली ने बताया जिस तरह से फिंगर प्रिंट व आंखें यूनिक आईडी होते हैं, उसी तरह से कान भी यूनिक आईडी हैं। देश में अभी तक कान की यूनिक आईडी का चलन नहीं है। जिस तरह हरेक के फिंगर प्रिंट अलग-अलग होते हैं, उसी तरह से कान भी भिन्न-भिन्न होते हैं।



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