फोटो 21- रजय पाल का पैतृक घर

– औरेया पुलिस लाइन में सेवारत था रजय

– कानपुर में दो मकान, बेटे डॉक्टरी व वकालत की कर रहे पढ़ाई

संवाद न्यूज एजेंसी

बकेवर। कारतूस घोटाले में रजय पाल सिंह यादव को सजा सुनाए की खबर आने के बाद परिवार के लोग अवाक हैं। ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं।

रामपुर कारतूस घोटाले में 2010 में बकेवर थाना क्षेत्र के किशनपुर गांव के रहने वाले रजय पाल सिंह यादव को कोर्ट ने दोषी मानकर सजा सुनाई है। रजय पाल के बड़े भाई राम सिंह यादव किसान हैं। दूसरे नंबर के भाई रामनाथ सिंह फौज से सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हैं।

तीसरे श्रीराम यादव समाजवादी मजदूर सभा के पूर्व प्रदेश सचिव रह चुके हैं। सबसे छोटा रजय पाल है। श्रीराम ने बताया कि रजय पाल के खिलाफ कोई अपराधिक प्रमाण नहीं मिला है। किसी की डायरी में उसका मोबाइल नंबर मिला था। जिसके आधार पर पुलिस ने 120-बी साजिश के तहत आरोपी बनाया था। इन दिनों रजय पाल औरेया पुलिस लाइन में तैनात हैं।

परिवार कानपुर में किदवई नगर वाई ब्लाॅक में रहता है। उसका बेटा शिवम पाल सिंह दिल्ली एम्स में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। दूसरा बेटा राजा कानपुर में एलएलबी का छात्र है। कानपुर जुगुइया गोपालनगर प्रताप होटल के पास पुराना मकान रजय पाल का है। उसमें किरायेदार रहते हैं। परिजनों ने बताया कि रजय अपराधी प्रवृत्ति का नहीं है। फर्जी तरीके से फंसाया गया है। रजय का परिवार गांव में त्योहार पर आता-जाता है।



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