Muzaffarnagar जनपद की तहसील जानसठ इन दिनों किसानों के लिए एक बड़े प्रशासनिक अभियान का केंद्र बन चुकी है। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के तहत जानसठ के उप जिलाधिकारी जयेन्द्र सिंह ने एक महत्त्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। बैठक का उद्देश्य था – “हर किसान तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाना और उन्हें फार्मर रजिस्ट्री में शामिल कराना।”

यह बैठक तहसील कार्यालय जानसठ में आयोजित की गई, जिसमें तहसीलदार, नायब तहसीलदार, आपूर्ति निरीक्षक और समस्त राजस्व निरीक्षकों ने भाग लिया। उप जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य करते हुए अधिक से अधिक किसानों को रजिस्टर्ड कराएं।

सरकार की मंशा: कोई भी किसान न रहे योजनाओं से अछूता

बैठक में खासतौर पर थ्ंतउमत त्महपेजतल न्च् पोर्टल का जिक्र किया गया, जिसकी शुरुआत भारत सरकार द्वारा की गई है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान सीधे तौर पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा सकते हैं। एसडीएम जयेन्द्र सिंह ने इस पोर्टल को किसानों के लिए “डिजिटल क्रांति” बताया और कहा कि अब समय आ गया है कि हर किसान तकनीक से जुड़े।

उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि प्रत्येक गांव में जागरूकता शिविर लगवाए जाएं, पोस्टर-बैनर के माध्यम से प्रचार-प्रसार हो, ताकि किसान स्वेच्छा से रजिस्ट्री कराएं और किसी प्रकार की भ्रांति न रहे।

किसानों के लिए योजनाओं की भरमार: अब रजिस्ट्रेशन से खुलेगा सरकारी खजाना

एसडीएम सिंह ने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री के माध्यम से किसानों को न सिर्फ पीएम किसान योजना, बल्कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, उर्वरक सब्सिडी, सिंचाई योजनाएं, और कृषि यंत्र योजना जैसी दर्जनों सरकारी सुविधाएं दी जा सकेंगी।

उन्होंने कहा, “यह अभियान केवल रजिस्ट्रेशन का नहीं, बल्कि किसानों के भविष्य को सशक्त बनाने का मिशन है।”

हर गांव में रजिस्ट्रेशन टारगेट, अधिकारियों पर बनी निगरानी टीम

बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी अधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र में रजिस्ट्रेशन का एक निश्चित लक्ष्य दिया जाएगा। साथ ही, जिलास्तर पर एक निगरानी टीम बनाई गई है जो समय-समय पर हर क्षेत्र की प्रगति की समीक्षा करेगी।

जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के नेतृत्व में प्रशासन ने यह भी कहा है कि जो क्षेत्र रजिस्ट्रेशन में पिछड़ेंगे, वहां विशेष निरीक्षण दल भेजे जाएंगे।

किसानों ने दिखाई उत्सुकता, बोले- पहले बार ऐसा लग रहा है कि सरकार हमारे दरवाज़े तक आई है

कई गांवों के किसानों ने इस पहल की सराहना की है। जानसठ के एक बुज़ुर्ग किसान रामकिशन त्यागी ने कहा, “पहली बार ऐसा लग रहा है कि सरकार खुद हमारे दरवाज़े आ रही है। अगर यह अभियान सही से चला तो हमें बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।”

युवाओं ने भी इस डिजिटल पहल का स्वागत किया। शिव कुमार, एक युवा किसान, ने बताया कि वह पहले ही पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं और तीन बार पीएम किसान योजना की किस्त प्राप्त कर चुके हैं।

गांव-गांव चलेगा रथ प्रचार अभियान, मोबाइल टीम भी होगी तैनात

प्रशासन की योजना के अनुसार अब अगला कदम है—”गांव-गांव जागरूकता अभियान”। इसके तहत प्रचार रथ चलाए जाएंगे, जिनमें लाउडस्पीकर, पोस्टर और डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से किसानों को जानकारी दी जाएगी। साथ ही, हर ब्लॉक में मोबाइल टीमों की तैनाती की जाएगी, जो मौके पर ही फार्मर रजिस्ट्री करेंगी।

इन टीमों में लेखपाल, कृषि विभाग के कर्मचारी, और आईटी एक्सपर्ट होंगे जो किसानों की तकनीकी सहायता करेंगे।

SDM जयेन्द्र सिंह का संदेश: “यह सिर्फ अभियान नहीं, किसान क्रांति की शुरुआत है”

SDM जयेन्द्र सिंह ने कहा कि यह कोई औपचारिक सरकारी मीटिंग नहीं, बल्कि “किसान क्रांति की शुरुआत है”। उन्होंने कहा कि जब तक आखिरी किसान तक योजना नहीं पहुँचती, तब तक प्रशासन चैन से नहीं बैठेगा।

उन्होंने क्षेत्रीय अधिकारियों को स्पष्ट कहा कि “दिखावटी कार्रवाई” नहीं चलेगी। हर रजिस्ट्रेशन की जाँच की जाएगी और फर्जीवाड़े पर सख्त कार्रवाई होगी।


योजना से जुड़ने का तरीका: जानिए कैसे करें रजिस्ट्रेशन

  1. पोर्टल विज़िट करें – [थ्ंतउमत त्महपेजतल] पोर्टल पर जाएं।

  2. आधार कार्ड अनिवार्य – रजिस्ट्रेशन के लिए किसान का आधार कार्ड और बैंक खाता होना ज़रूरी है।

  3. ऑनलाइन आवेदन करें – पोर्टल पर लॉगिन कर जानकारी भरें।

  4. फॉर्म जमा करें – फार्म भरने के बाद उसे ऑनलाइन सबमिट करें और प्रिंटआउट लें।


शुरुआत है ये

जानसठ की यह बैठक केवल एक शुरुआत है। अगर ये मॉडल सफल रहता है तो इसे पूरे मुज़फ्फरनगर और फिर राज्य भर में लागू किया जाएगा। यह पहल ना सिर्फ किसानों के जीवन को बदलने की क्षमता रखती है, बल्कि देश की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मज़बूत बना सकती है।



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