भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में प्रस्तुत किए गए Budget में किसानों के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। इस बजट में सस्ते कर्ज की सीमा बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के कई प्रस्ताव रखे गए हैं, जिससे किसान वर्ग में खुशी की लहर दौड़ गई है। सरकार का यह कदम कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
कृषि क्षेत्र के लिए Budget में महत्वपूर्ण बदलाव
किसानों के लिए Budget में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव यह है कि उन्हें सस्ते कर्ज की सीमा में बढ़ोतरी की जाएगी। यह कदम कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा देने के साथ-साथ किसानों की वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करेगा। देश भर के किसान जो पहले ऋण लेने में दिक्कतों का सामना करते थे, अब उन्हें सस्ते कर्ज उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, ग्रामीण और कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये के बूस्टर डोज का ऐलान किया है। यह राशि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में मदद करेगी और शहरों तथा गांवों के बीच की आर्थिक खाई को कम करेगी।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
वहीं, विपुल भटनागर, जो पूर्व चेयरमैन हैं भारतीय उद्योग संघ (आईआईए) के, ने इस बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह एक रूटीन बजट है जो मौजूदा योजनाओं को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। भटनागर ने यह भी कहा कि एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के मुद्दे पर विरोध करने वाली पार्टियों ने अब इंश्योरेंस सेक्टर में विदेशी निवेश को मंजूरी दी है, जिससे भारतीय उद्योग के लिए चुनौती पैदा हो सकती है। उनका कहना था कि रिसर्च और डेवलपमेंट पर 20,000 करोड़ रुपये का आवंटन स्वागत योग्य है, लेकिन इसके बावजूद, शेयर बाजार में बजट को सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली, जो यह संकेत देता है कि उद्योग को बजट में उतनी राहत नहीं मिली जितनी उम्मीद थी।
मिडिल क्लास को मिली राहत, टैक्स में बड़ा बदलाव
वहीं, खतौली में राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश महासचिव तासीर हसन ने भी बजट के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने मिडिल क्लास के लिए एक ऐतिहासिक घोषणा की है। इस बजट में सरकार ने उन लोगों के लिए बड़ी राहत दी है जिनकी वार्षिक आय 12 लाख रुपये तक है। अब ऐसे लोगों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। तासीर हसन ने इस निर्णय को मिडिल क्लास के लिए एक बहुत बड़ी राहत बताया। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम सरकार की टैक्स नीति में एक अहम बदलाव का संकेत देता है, जो आम आदमी की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाएगा।
स्मॉल बिजनेस और स्टार्टअप्स के लिए भी कई कदम
बजट में छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स के लिए भी राहत के उपायों का ऐलान किया गया है। सरकार ने एमएसएमई (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) के लिए कई नई योजनाओं का प्रस्ताव रखा है, जिससे इन क्षेत्रों में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके अलावा, चिकित्सा और आईटी क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च को बढ़ाने और सीटों की संख्या में वृद्धि करने की योजना बनाई गई है, जिससे इन क्षेत्रों में सुधार होगा और देश में अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
क्या इस बजट से खुश हैं उद्योग और शेयर बाजार?
हालांकि, उद्योग और शेयर बाजार ने इस बजट को पूरी तरह से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी। विपुल भटनागर का कहना है कि यह बजट थोड़ी खट्टा-मीठा स्थिति में है। जबकि कुछ पहलुओं को सराहा गया है, जैसे रिसर्च और डेवलपमेंट पर खर्च और स्टार्टअप्स को मिलने वाली राहत, वहीं शेयर बाजार और बड़े उद्योगों ने इसे उतना प्रभावी नहीं माना। उन्हें उम्मीद थी कि इस बजट में औद्योगिक क्षेत्र के लिए और भी ज्यादा प्रोत्साहन मिलेगा।
आर्थिक विकास की नई राह
किसानों और मिडिल क्लास के लिए राहत के साथ-साथ इस बजट में भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के बूस्टर पैकेज का ऐलान किया है, जो कि देश के समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं, छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स के लिए आसान वित्तीय सहायता और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रावधान भी किये गए हैं, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिल सकती है।
अंततः, यह बजट किसान, मिडिल क्लास और छोटे व्यापारियों के लिए राहत देने वाला है, लेकिन इसके प्रभाव को समझने के लिए कुछ और समय चाहिए। सरकार के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि बजट में किए गए बदलावों का वास्तविक प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ता है।