अमेठी। जिले में संचालित साधन सहकारी समितियों पर खाद न मिलने से किसान परेशान थे। किसान डीएपी खाद के लिए इधर उधर भटक रहे थे। जिसकी खबर को अमर उजाला ने नौ नवंबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिसके बाद समितियों पर खाद भेजनी शुरू कर दी गई है।
रबी फसल की बोआई 15 अक्टूबर से शुरू हो जाती है। समितियों में खाद नदारद रहने से किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। शिकायत के बाद भी समितियों पर खाद नहीं मिल पा रही थी। किसानों की समस्याओं को देखते हुए अमर उजाला ने नौ नवंबर के अंक में सहकारी समितियों पर खाद का अकाल, अन्नदाता बेहाल शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया।
इसका असर रहा कि शुक्रवार को जिले के भादर, चंदौकी, दरपीपुर, देवकली, हरभान गोपियापुर, दुल्लापुर कला, गोरखापुर, रस्तामऊ, जमुवारी, कौहार, माधवपुर, मंगौली, निहालगढ़, पंडरी, पनियार, दादरा, सित्थन, गुलालपुर, नेवादा, मुसाफिरखाना, पिंडारा करनाई समितियों में 3300 बोरी डीएपी भेजी गई। शनिवार को सेमरौता, गोरियाबाद, महराजपुर, मोहइया केसरिया, सैठा, सराय महेशा, पाली, अलाईपुर, नीमपुर, रामबक्सगढ़, रेशी, सेंभुई, राजापुर, ढेमा, टीकरमाफी, खरगपुर में 2580 बोरी डीएपी पहुंच जाएगी।
सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता अमेठी मित्रसेन वर्मा ने बताया कि 21 समितियों पर खाद भेज दी गई है। 16 समितियों पर खाद शनिवार को पहुंच जाएगी। उन्होंने बताया कि किसान परेशान न हों। जिले में प्रर्याप्त मात्रा में खाद है। उन्होंने बताया कि दीपावली बाद जिले को एक रैक उर्वरक और प्राप्त होने वाला है।