खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए कृषि विभाग ने एल-1 पीओएस मशीन में नई व्यवस्था की है। इस मशीन का अपडेट वर्जन डीएपी और खाद की कालाबाजारी पर लगाम लगाएगा। मशीन पर अंगूठा लगाते ही गलत तरीके से यूरिया और डीएपी प्राप्त करने वाला किसान पकड़ में आ जाएगा। कृषि विभाग ने सभी थोक और फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को इसके पालन के सख्त निर्देश दिए हैं।

जिला कृषि अधिकारी आवेश कुमार सिंह ने बताया कि थोक और फुटकर विक्रेताओं को पीओएस मशीनों में नया वर्जन 3.3.1 अनिवार्य रूप से अपडेट करना होगा। अब सिस्टम टीएमएस सर्वर से संचालित होगा। साथ ही जियो-फेंसिंग व्यवस्था भी लागू कर दी गई है। इससे मशीन केवल उसी बिक्री केंद्र पर कार्य करेगी जिसके लिए वह निर्धारित की गई है। मशीन ऑन करते ही संबंधित विक्रय केंद्र के अक्षांश और देशांतर (जियो कोऑर्डिनेट) स्वत: अपडेट हो जाएंगे। इन्हें पुष्टि कर ओके करना होगा।

नई व्यवस्था के तहत शाम 8 बजे के बाद उर्वरक की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित होगी। पोर्टल पर बिक्री का समय भी दर्ज होगा। यदि 8 बजे के बाद बिक्री पाई गई तो संबंधित विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसान द्वारा उसी माह व सीजन में लिए गए उर्वरक की जानकारी पीओएस मशीन पर दिखाई देगी। उसी के आधार पर निर्धारित मात्रा तक ही बिक्री की अनुमति होगी। अधिक बिक्री करने पर विक्रेता पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जोत के हिसाब से खरीदें उर्वरक

जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 तथा उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। किसानों को भी सलाह दी है कि वे अपनी जोत के अनुसार ही उर्वरक खरीदें। यदि कोई किसान अधिक उर्वरक लेने के लिए अंगूठा लगाता है तो उसके विरुद्ध भी नोटिस जारी किया जा सकता है।

 



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