Muzaffarnagar में किसान सम्मान दिवस पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जिले भर के किसानों और अधिकारियों ने भाग लिया। भारतरत्न स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित इस मेले में कृषि तकनीकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) योजना के तहत आधुनिक तकनीकों, सरकार की योजनाओं और कृषि संबंधित नवाचारों पर जोर दिया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को उन्नत कृषि विधियों से परिचित कराना और उनके योगदान को सम्मानित करना था।
मुख्य आकर्षण: कृषि प्रदर्शनी और तकनीकी जानकारी
नुमाईश पंडाल में आयोजित इस भव्य मेले में कृषि एवं सहयोगी विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल्स ने किसानों को अपनी ओर आकर्षित किया। इन स्टॉल्स पर सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। किसानों को उन्नत बीज, जैविक खेती, सिंचाई उपकरण और प्राकृतिक खेती से संबंधित जानकारी प्रदान की गई।
मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल और पूर्व विधायक उमेश मलिक ने मेले का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने किसानों की मेहनत और उनकी उपलब्धियों की सराहना की।
किसानों को किया गया पुरस्कृत
कार्यक्रम के दौरान जिले और ब्लॉक स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले किसानों को सम्मानित किया गया।
- जनपद स्तर पर: धान, गेहूं, दलहन, तिलहन, सब्जी और बागवानी में अधिक उत्पादन करने वाले किसानों को प्रथम स्थान के लिए ₹7000 और द्वितीय स्थान के लिए ₹5000 का नकद पुरस्कार दिया गया।
- विकास खंड स्तर पर: अधिक उत्पादन करने वाले किसानों को ₹2000 की धनराशि और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
- पशुपालन और दुग्ध उत्पादन में उत्कृष्ट योगदान देने वाले किसानों को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर फार्म मशीनरी बैंक के लाभार्थियों को ट्रैक्टर और अन्य उपकरणों की चाबियां सौंपी गईं। यह पहल छोटे और मध्यम किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अतिथियों के विचार और संदेश
डॉ. वीरपाल निर्वाल ने किसानों से आह्वान किया कि वे अपनी सफल तकनीकों को अन्य किसानों के साथ साझा करें, ताकि वे भी उन्नत तकनीकी का लाभ उठा सकें। पूर्व विधायक उमेश मलिक ने किसानों से जैविक और प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर दिया। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने जैविक उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जताई।
जैविक खेती और प्राकृतिक संसाधनों पर जोर
कार्यक्रम में जैविक खेती और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने पर विशेष जोर दिया गया। कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग और इसके लाभों पर प्रकाश डाला। किसानों को बताया गया कि कैसे वे जैविक खेती को अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकते हैं।
सहयोगी विभागों और संगठनों की भागीदारी
मेले में कृषि निवेश आपूर्ति कर्ताओं, किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों द्वारा अपने उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। जैविक उत्पाद, उन्नत बीज और खेती के उपकरणों ने किसानों को नई तकनीक से रूबरू कराया। पशुपालन विभाग, उद्यान विभाग और सहकारी समितियों के अधिकारियों ने किसानों को अपनी योजनाओं की जानकारी दी।
किसानों की बड़ी भागीदारी
इस कार्यक्रम में हजारों किसानों ने भाग लिया। किसानों ने मेले को अत्यधिक जानकारीपूर्ण और उपयोगी बताया। उनके अनुसार, इस तरह के आयोजन उन्हें नई तकनीकों और सरकारी योजनाओं से परिचित कराते हैं।
कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम का समापन उप कृषि निदेशक संतोष कुमार द्वारा किया गया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों, अतिथियों और विभागीय अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम ने किसानों को एक नई दिशा दी और उन्हें कृषि क्षेत्र में अधिक उत्पादन और नवाचार के लिए प्रेरित किया।
भविष्य की संभावनाएं
किसान सम्मान दिवस का यह आयोजन न केवल एक परंपरा का निर्वाह है, बल्कि यह किसानों को नई तकनीकों और बाजार के अवसरों से जोड़ने का मंच भी प्रदान करता है। उम्मीद है कि ऐसे कार्यक्रम किसानों को और अधिक प्रेरित करेंगे और उनकी आय दोगुनी करने के सरकार के लक्ष्य को साकार करेंगे।