महत्वाकांक्षी केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट (केबीएलपी) का काम तमाम दावों के बावजूद इस साल झांसी में शुरू नहीं हो सका। केन और बेतवा नदी को आपस में जोड़ने के लिए 221 किलोमीटर लंबी नहर बनेगी।
इसके लिए झांसी समेत आसपास के जनपदों में जमीन ली जानी है लेकिन निवाड़ी में नहर के रास्ते में तहसील कार्यालय के आ जाने से पेच फंस गया। यह पेच पूरे साल भर उलझा रहा। तमाम कवायदों के बावजूद इसे सुलझाया नहीं जा सका। इस वजह से झांसी मंडल में एक साल बाद भी केबीएलपी का काम शुरू नहीं हो सका। यूपी एवं एमपी में सहमति न बनने से यह प्रोजेक्ट 17 साल तक अटका रहा।
दोनों नदियाें को जोड़कर बनाई जानी है 221 किलोमीटर लंबी लिंक कैनाल
वर्ष 2021-22 में केंद्र सरकार के दखल के बाद प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल सकी थी। 44,605 करोड़ की इस परियोजना से झांसी, ललितपुर, महोबा, बांदा में 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई समेत पेयजल मिलेगा। परियोजना की शुरुआत पन्ना के दौधन बांध से होनी है। दोनों नदियों को जोड़ने के लिए 221 किलोमीटर लंबी लिंक कैनाल बनाई जानी है। इस साल जब सिंचाई अफसरों ने पुरानी ड्राइंग के आधार पर कैनाल के रास्ते को चिह्नित करना शुरू किया, तब निवाड़ी में कैनाल के रास्ते में तहसील कार्यालय आ गया।
इन्होंने यह बताया
सिंचाई अफसरों का कहना है कि प्रोजेक्ट के शुरुआती समय में यह कार्यालय नहीं था। अब उसके आसपास भी कैनाल के लिए जगह नहीं है। ऐसे में कैनाल के रास्ते पर ही पेच फंस गया। पूरे एक साल से इसका विकल्प तलाशने की कोशिश हो रही है लेकिन अभी तक वैकल्पिक रास्ता नहीं मिल सका। मुख्य अभियंता देवेश शुक्ला का कहना है कि कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इस पर विचार करके जल्द ही आगे काम शुरू होगा। उन्होंने अगले साल तक काम पूरा हो जाने की उम्मीद जाहिर की।
नए साल में एरच बांध का निर्माण आरंभ होने की उम्मीद
इस साल एरच बांध की राह की अड़चनों को दूर करने में सफलता मिली। इसका नतीजा यह रहा कि अगले साल से इस बांध का अधूरा काम आरंभ हो सकेगा। सिंचाई अफसरों को उम्मीद है कि अगले साल मार्च के बाद यहां दोबारा से काम आंरभ हो सकेगा।
