कोहरे के कारण तीन माह तक 30 से अधिक ट्रेनों का संचालन रद्द किया गया है। इससे रेलवे को ट्रैक सुधार व अन्य विकास कार्यों को करने के लिए समय मिलेगा। ट्रैक पर ब्लॉक लेने में आसानी होगी। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक रेलवे ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग का 50 प्रतिशत कार्य पूरा करने का दावा कर रहा है।

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मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर यात्री
– फोटो : अमर उजाला
साथ ही कवच प्रणाली को लेकर लगातार बैठकें हो रही हैं। मंडल में ट्रैक पर डिवाइस लगाने का काम भी तेज होगा। ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग के लिहाज से अब तक गाजियाबाद-डासना-पिलखुआ-महरौली तक के सेक्शन को तैयार किया गया है।

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मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर यात्री
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वहीं डाउन लाइन पर रोजा-सीतापुर-जंगबहादुर-नेरी रेलखंड में काम पूरा हो गया है। अब पिलखुआ से हापुड़ के बीच और शाहजहांपुर से नेरी के बीच काम चल रहा है। फरवरी के अंत तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बाद अगले वित्तीय वर्ष में हापुड़ से मुरादाबाद और मुरादाबाद से बरेली के बीच कार्य होगा।

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मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर यात्री
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मार्च 2027 तक कार्य को पूरा करने का दावा किया जा रहा है। दूसरी ओर ट्रेनों की टक्कर को रोकने के लिए इंजनों में एंटी कॉलिजन डिवाइस लगाई जा चुकी हैं। ट्रैक पर ऑप्टिकल फाइबर केबिल बिछाने और आरएफआईडी लगाने का कार्य बाकी है।

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मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर यात्री
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1500 करोड़ के दोनों प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने के लिए रेलवे ट्रेनों को रद्दीकरण का लाभ ले रहा है। सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने बताया कि ट्रेनों का संचालन कम होने से पटरियों पर होने वाले विभिन्न कार्य सुगमता से हो सकेंगे। एबीएस और कवच का काम तेजी से चल रहा है।
