Muzaffarnagar जनपद के खतौली नगर में Maharaja Shoor Saini Jayanti को लेकर जबरदस्त उत्साह और तैयारियों का माहौल है। सैनी समाज की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 21 तारीख को महाराजा शूर सैनी जयंती नगर में भव्य, अनुशासित और उल्लासपूर्ण वातावरण में मनाई जाएगी।
इस ऐतिहासिक आयोजन की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को सैनी नगर स्थित राधे प्रणामी कार्यालय में एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जिसमें समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी, युवा कार्यकर्ता और गणमान्य लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
प्रेस वार्ता में संगठनात्मक एकता का प्रदर्शन
प्रेस वार्ता की अध्यक्षता नंद किशोर सैनी ने की। इस अवसर पर समिति के संस्थापक सूर्यवंशी सैनी एवं अनुज सैनी ने कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा साझा की।
उन्होंने जानकारी दी कि इस अवसर पर आयोजित प्रेस वार्ता को मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विधायक विक्रम सैनी संबोधित करेंगे।
प्रेस वार्ता के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि यह आयोजन केवल एक जयंती कार्यक्रम नहीं, बल्कि सैनी समाज की पहचान, आत्मसम्मान और सामाजिक चेतना का प्रतीक है।
भव्य शोभायात्रा बनेगी आकर्षण का केंद्र
Maharaja Shoor Saini Jayanti के अवसर पर निकलने वाली शोभायात्रा इस वर्ष विशेष रूप से भव्य होगी।
आयोजकों के अनुसार शोभायात्रा में—
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बैंड-बाजे
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डीजे
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पारंपरिक झांकियां
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सैकड़ों की संख्या में सैनी समाज के लोग
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ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ विशाल सहभागिता
देखने को मिलेगी।
समिति के पदाधिकारियों ने समाज के सभी वर्गों से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाएं।
यह तीसरी बार निकलेगी खतौली में शोभायात्रा
पूर्व सभासद श्यामलाल सैनी ने जानकारी दी कि खतौली नगर में यह तीसरी बार महाराजा शूर सैनी जयंती शोभायात्रा निकाली जा रही है।
उन्होंने बताया कि शोभायात्रा का शुभारंभ गंग नहर, खतौली से होगा, जो—
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नगर के प्रमुख मार्गों
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घंटाघर
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जानसठ रोड
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जानसठ तिराहा
से होते हुए सैनी नगर धर्मशाला पर संपन्न होगी।
शोभायात्रा के समापन के बाद प्रसाद वितरण का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें सभी वर्गों के लोग सम्मिलित होंगे।
प्रदेश स्तर के पदाधिकारी और समाज के गणमान्य होंगे शामिल
प्रदेश सचिव लोकशक्ति राजेश्वर सैनी ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस आयोजन में सैनी समाज के अनेक गणमान्य व्यक्तित्व शामिल होंगे।
प्रमुख रूप से—
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राजपाल सैनी
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शाहपुर बच्ची सैनी
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प्रमेश सैनी
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समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी
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युवा कार्यकर्ता
की उपस्थिति आयोजन को और अधिक गरिमा प्रदान करेगी।
यह आयोजन समाज के भीतर संगठनात्मक मजबूती और आपसी समन्वय का भी परिचायक बनेगा।
महाराजा शूर सैनी: इतिहास, वीरता और विरासत
एडवोकेट आकाश सैनी ने महाराजा शूर सैनी के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि—
महाराजा शूर सैनी जयंती हर वर्ष दिसंबर माह में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई जाती है।
इतिहास के अनुसार ‘सैनी’ शब्द की उत्पत्ति महाराजा शूर सैनी के नाम से मानी जाती है।
वे एक पराक्रमी, शूरवीर योद्धा थे और सम्राट शूरसेन के पुत्र थे, जिनका शासन कभी वर्तमान मथुरा नगर पर रहा।
शूरसैनी प्रदेश और सूर्यवंशी परंपरा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सम्राट शूरसेन सूर्यवंशी राजा थे।
मथुरा प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था।
‘शूर’ शब्द का अर्थ—
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वीर
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बहादुर
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योद्धा
होता है, जो महाराजा शूर सैनी के व्यक्तित्व को पूर्ण रूप से दर्शाता है।
उनके नाम पर मथुरा क्षेत्र को कभी ‘शूरसैनी प्रदेश’ के नाम से जाना जाता था।
समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं महाराजा शूर सैनी
सचिन सैनी ने कहा कि महाराजा शूर सैनी को—
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शूरवीर क्षत्रिय
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कुशल प्रशासक
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सामाजिक एकता के प्रतीक
के रूप में माना जाता है।
उनकी जीवनगाथा आज भी सैनी समाज के लिए प्रेरणास्रोत है।
Maharaja Shoor Saini Jayanti समाज में गौरव, आत्मसम्मान और सामाजिक चेतना को मजबूत करती है।
नई पीढ़ी तक सांस्कृतिक विरासत पहुंचाने का माध्यम
खतौली में आयोजित होने वाली यह शोभायात्रा केवल उत्सव नहीं, बल्कि—
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समाज की सांस्कृतिक विरासत
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ऐतिहासिक चेतना
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सामाजिक एकजुटता
को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम बनेगी।
आयोजकों का मानना है कि इस प्रकार के आयोजन समाज को संगठित रखने और उसकी पहचान को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
खतौली में 21 तारीख को आयोजित होने वाली महाराजा शूर सैनी जयंती शोभायात्रा सैनी समाज के गौरवशाली इतिहास, सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक एकता का भव्य प्रदर्शन होगी। यह आयोजन न केवल समाज को एक सूत्र में बांधेगा, बल्कि नई पीढ़ी को अपने ऐतिहासिक मूल्यों से जोड़ने का भी कार्य करेगा। पूरे नगर की निगाहें अब इस ऐतिहासिक और भव्य आयोजन पर टिकी हैं।
