खतौली/Muzaffarnagar से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। श्रद्धालुओं से भरी एक टेंपो ट्रैवल्स के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से अफरा-तफरी मच गई। पानीपत, हरियाणा से शुक्रतीर्थ जाने वाले इन तीर्थयात्रियों की यात्रा हादसे के कारण बीच में ही थम गई।

फलावदा रोड पर फहीमपुर के पास घटी इस घटना में 25 श्रद्धालु सवार थे। इनमें से 10 लोगों को हल्की चोटें आई हैं, जबकि बाकी यात्री सकुशल बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद स्थानीय पुलिस और राहगीरों ने मिलकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया।


श्रद्धालुओं की यात्रा में बाधा: शुक्रतीर्थ का महत्व

घटना में घायल श्रद्धालुओं ने बताया कि वे हरियाणा के पानीपत से शुक्रतीर्थ जा रहे थे। शुक्रतीर्थ, मुजफ्फरनगर जिले में गंगा किनारे स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। इसे महाभारतकालीन इतिहास से जोड़ा जाता है, जहां महर्षि शुक्राचार्य ने तपस्या की थी। हर साल हजारों श्रद्धालु इस पवित्र स्थल पर दर्शन के लिए आते हैं।

यात्रियों का कहना है कि उन्होंने अपनी यात्रा दो बसों में शुरू की थी। एक बस आगे निकल चुकी थी, लेकिन दूसरी बस चालक के नियंत्रण खोने के कारण खेत में पलट गई। यह हादसा सुबह करीब 11 बजे हुआ।


पुलिस की तत्परता और रेस्क्यू ऑपरेशन

सूचना मिलते ही खतौली पुलिस ने तेजी से मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। थाना प्रभारी ने बताया कि सौरभ नाम का बस चालक, जो हरियाणा के बवाल गांव का निवासी है, श्रद्धालुओं को लेकर शुक्रतीर्थ जा रहा था। फलावदा रोड पर फहीमपुर के जंगल में बस अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी।

पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को तुरंत खतौली के अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस के अनुसार, घायलों को हल्की-फुल्की चोटें आई हैं और किसी की भी हालत गंभीर नहीं है। शेष यात्री सुरक्षित हैं।


सड़क सुरक्षा पर उठे सवाल

इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। तीर्थयात्रियों ने बताया कि बस चालक सौरभ तेज गति से गाड़ी चला रहा था, जिससे नियंत्रण बिगड़ गया। फलावदा रोड पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन सड़क की स्थिति और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी के कारण ऐसी घटनाएं बार-बार होती हैं।

स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि फलावदा रोड पर ट्रैफिक व्यवस्था को सख्त किया जाए और सड़कों की मरम्मत कराई जाए।


श्रद्धालुओं की सुरक्षा के उपाय

घटना के बाद, यात्रियों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की। तीर्थयात्रा के आयोजकों और प्रशासन को इस बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए बेहतर इंतजाम किए जाएं।

1. वाहन की तकनीकी जांच: यात्रा से पहले वाहनों की तकनीकी जांच अनिवार्य की जानी चाहिए।
2. प्रशिक्षित चालक: तीर्थयात्राओं के लिए अनुभवी और प्रशिक्षित चालकों की नियुक्ति होनी चाहिए।
3. सड़क संकेत और मार्गदर्शन: तीर्थ स्थलों की ओर जाने वाले मार्गों पर स्पष्ट सड़क संकेत और यातायात पुलिस की उपस्थिति होनी चाहिए।
4. यात्रा बीमा: तीर्थयात्रियों को यात्रा बीमा की सुविधा प्रदान करनी चाहिए ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में उन्हें सहायता मिल सके।


स्थानीय लोगों की भूमिका और प्रशंसा

इस घटना के दौरान, स्थानीय लोगों ने पुलिस के साथ मिलकर जिस तरह से घायलों की मदद की, वह सराहनीय है। उन्होंने एंबुलेंस बुलाने से लेकर घायलों को अस्पताल पहुंचाने तक हर संभव सहायता की। ऐसी घटनाओं में स्थानीय निवासियों की तत्परता अक्सर जान बचाने में मददगार साबित होती है।


शुक्रतीर्थ यात्रा जारी रखने का संकल्प

इस हादसे के बावजूद, श्रद्धालुओं ने कहा कि उनकी आस्था डगमगाई नहीं है। प्राथमिक उपचार के बाद, कई श्रद्धालुओं ने अपनी यात्रा फिर से शुरू करने का फैसला लिया। उनका मानना है कि शुक्रतीर्थ की पवित्रता और उनकी भक्ति उन्हें हर बाधा से पार कराएगी।


निष्कर्ष नहीं, लेकिन एक सवाल

ऐसी घटनाएं एक बार फिर इस बात पर जोर देती हैं कि सड़क सुरक्षा, वाहन निरीक्षण, और चालक की सतर्कता कितनी महत्वपूर्ण हैं। शुक्रतीर्थ जैसे पवित्र स्थलों पर जाने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा की गारंटी मिलनी चाहिए।

क्या प्रशासन और तीर्थयात्रा के आयोजक इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगे?



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