Muzaffarnagar |गंगा सप्तमी के पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल शुकतीर्थ में श्रद्धा और आस्था का अनुपम संगम देखने को मिला। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक जागरूकता और पर्यावरणीय चेतना का संदेश भी लेकर आया।
शुकतीर्थ के प्राचीन गंगा घाट पर मां गंगा के अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को विविध धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान हेतु उमड़े, और घाट पर गूंजते मंत्रों, शंखध्वनि और भक्ति गीतों से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो गया।
महाआरती और अभिषेक से गूंज उठा शुकतीर्थ
सुबह से ही गंगा घाट पर पूजा, अभिषेक और भजन-कीर्तन का दौर प्रारंभ हो गया था। मां गंगा को दूध, दही, शहद, चंदन और पुष्प अर्पित कर विशेष पूजा संपन्न की गई। इसके पश्चात गंगा मंदिर में विशाल महाआरती का आयोजन हुआ, जिसमें साधु-संत, पुरोहित और भाजपा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
भाजपा युवा नेता अमित राठी ने इस अवसर पर गंगा स्वच्छता की शपथ दिलाई और कहा, “मोक्षदायिनी मां गंगा भारत की जीवनरेखा हैं। करोड़ों जीवों का पालन-पोषण करने वाली यह नदी अनंतकाल से हमारे जीवन को आशीर्वाद देती आ रही हैं। हमें मिलकर गंगा की पवित्रता और स्वच्छता बनाए रखने की जिम्मेदारी निभानी होगी।”
गंगा स्वच्छता की ओर जन-जागरूकता अभियान
गंगा सप्तमी के पर्व को केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित न रखते हुए, स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने मिलकर गंगा सफाई अभियान भी चलाया। अखिल भारतीय जाट महासभा के जिलाध्यक्ष चौधरी बृजवीर सिंह और जिला महासचिव दीपक चौधरी एडवोकेट के नेतृत्व में घाटों की सफाई की गई, प्लास्टिक मुक्त अभियान चलाया गया, और आम जन को गंगा स्वच्छता के लिए प्रेरित किया गया।
आचार्य अजय कृष्ण शास्त्री और पुरोहित शरद शर्मा ने बताया कि गंगा सप्तमी के पावन अवसर पर यह दसवां विशाल भंडारा आयोजित किया गया है, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं को भोजन प्रसाद वितरित किया गया। साथ ही, गंगा सफाई में निरंतर योगदान देने वालों को सम्मानित किया गया।
पुकार शांति की और संदेश आतंक के विरुद्ध
इस धार्मिक आयोजन के दौरान राष्ट्रहित की भावना भी स्पष्ट रूप से झलकी। दीपक चौधरी एडवोकेट ने पहलगाम में हुई घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि “सरकार को अब और धैर्य नहीं करना चाहिए। आतंकवादियों और उनके समर्थकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि देशवासियों को यह विश्वास हो सके कि हम सुरक्षित हैं।”
विशिष्ट अतिथि और समाजसेवियों की उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ी
गंगा सप्तमी के इस पावन अवसर पर जनपद के अनेक गणमान्य व्यक्ति, सामाजिक कार्यकर्ता, युवा नेता और संत महात्मा उपस्थित रहे। स्वामी रामभवानंद महाराज की उपस्थिति में पूजा संपन्न कराई गई और उपस्थित जनसमूह को आशीर्वचन प्रदान किए गए।
उल्लेखनीय नामों में मोनू राणा, धीरेंद्र चौधरी, जोनू चौधरी, नरेश त्यागी, विकास गुप्ता, राजू, धीरेंद्र सहरावत, हनी सहरावत, प्रद्युम्न, संदीप सैनी, कंवरपाल, जयपाल, धर्मेंद्र, बिजेंद्र, नवीन, अनिल वर्मा, मुकेश शर्मा, महेश शर्मा, नीरज आर्य, देवेंद्र आर्य, महेश वर्मा बबलू, दीपक लाला, आदेश प्रधान सहित अनेक सामाजिक व धार्मिक क्षेत्र की हस्तियाँ मौजूद रहीं।
गंगा सप्तमी: संस्कृति, श्रद्धा और स्वच्छता का त्रिवेणी संगम
गंगा सप्तमी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिक परंपरा और सामाजिक जिम्मेदारी का संगम है। यह दिन हमें न केवल मां गंगा की पूजा का अवसर देता है, बल्कि यह याद भी दिलाता है कि हम सभी का दायित्व है कि हम गंगा को प्रदूषण मुक्त रखें।
गंगा की स्वच्छता को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें विभिन्न योजनाएं चला रही हैं, लेकिन जन सहयोग के बिना यह संभव नहीं। शुकतीर्थ जैसे तीर्थ स्थलों पर ऐसे भव्य आयोजनों के माध्यम से समाज को जागरूक करना और भावनात्मक रूप से जोड़ना निश्चित ही एक सकारात्मक कदम है।
अंतरात्मा को झकझोरने वाला आयोजन
गंगा सप्तमी का यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्सव रहा, बल्कि यह पर्यावरण और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति जनता की चेतना का प्रतीक भी बन गया। इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब जनता, संत, समाजसेवी और प्रशासन एकजुट होकर कार्य करें तो किसी भी उद्देश्य को प्राप्त किया जा सकता है – चाहे वह हो गंगा स्वच्छता, राष्ट्रीय सुरक्षा, या धार्मिक परंपराओं का संरक्षण।