
पैराशूट(फाइल फोटो)
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अंतरिक्ष में भारत की छलांग लगाने का महत्वपूर्ण दिन आज है। श्रीहरिकोटा से गगनयान के क्रू मॉडयूल को अलग करने और उसे समुद्र में उतारने का परीक्षण सुबह किया जाएगा। इसमें 3.1 मीटर गुणा 2.97 मीटर के क्रू मॉडयूल को 10 पैराशूट के पाइरो सिस्टम से बंगाल की खाड़ी में तट से 10 किमी दूर उतारा जाएगा। इसे आगरा के एडीआरडीई के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। आगरा में बने पैराशूट सिस्टम से क्रू मॉडयूल की रफ्तार टच डाउन के समय 8.5 मीटर प्रति सेकंड होगी।
एडीआरडीई आगरा के निदेशक मनोज कुमार के निर्देशन में संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम ने यह पैराशूट सिस्टम तैयार किया है, जो इस मिशन में सबसे महत्वपूर्ण क्रू मॉडयूल को वापस लाने के लिए तैयार किया गया है। इसके कई परीक्षण किए जा चुके हैं। शनिवार सुबह होने वाले परीक्षण को लेकर आगरा के वैज्ञानिक आशान्वित हैं कि यह ट्रायल उनकी उम्मीद से बेहतर रहेगा।
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गगनयान मिशन के ट्रायल में ये होगा खास
– गगनयान का इनफ्लाइट अबॉर्ट प्रदर्शन 8.8 मिनट तक चलेगा
-1.2 मैक यानी 1481 किमी/घंटे की रफ्तार पर अबॉर्ट सीक्वेंस
– 16.6 किमी ऊंचाई पर आगरा के बने पैराशूट सिस्टम खुलेंगे
– 4520 किलो वजनी क्रू मॉडयूल को पैराशूट समुद्र में उतारेंगे
– 2.5 किमी ऊंचाई पर क्रू मॉडयूल का मुख्य पैराशूट खुलेगा
– एएन-32, आईएल-76 से एडीआरडीई कर चुकी पैराशूट का ट्रायल
– श्रीहरिकोटा से 10 किमी दूर बंगाल की खाड़ी में उतरेगा क्रू
– नाविक जीपीएस सिस्टम से लैस क्रू मॉडयूल को नौसेना खोजेगी
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