300 devotees will be able to visit the sanctum sanctorum: Shri Ram Janmabhoomi Trust showed the progress of te

Ram Mandir Pictures
– फोटो : सोशल मीडिया

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श्रीरामजन्मभूमि में निर्माणाधीन राममंदिर अब भव्य रूप ले रहा है। मंदिर के भूतल का काम लगभग पूरा हो चुका है और प्रथम तल को आकार देने की प्रक्रिया प्रारंभ है। 161 फीट ऊंचे तीन मंजिला राममंदिर का अब तक 60 फीसदी काम पूर्ण हो चुका है। मंदिर के गर्भगृह में एक साथ 300 लोग दर्शन कर सकेंगे। अगस्त से भूतल के फर्श को सजाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद भव्य गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने की तैयारी है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रविवार को देशभर के मीडियाकर्मियों को राममंदिर निर्माण की प्रगति से अवगत कराया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि राममंदिर के निर्माण में 500 कारीगर दिन-रात जुटे हुए हैं। पूरे मंदिर परिसर में चल रहे कार्यों में करीब एक हजार मजदूर व कारीगर लगाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि ग्राउंड फ्लोर में पांच मंडप हैं जो राम मंदिर के आकर्षण का प्रमुख केंद्र होंगे। मुख्य मंडप से हमेशा भगवान की पताका फहराएगी। मंदिर के गर्भगृह की दीवार और छत बन चुकी है। फर्श और बाहर का काम बाकी है। मंदिर के गर्भगृह में लगे छह खंभे सफेद संगमरमर के हैं। बाहरी खंभे गुलाबी सैंडस्टोन से बनाए गए हैं। मंदिर के बाहर आठ एकड़ में 16 फीट ऊंचा और 800 मीटर लंबा परकोटा बनाया जा रहा है। गर्भगृह के बाहर मंडप की नक्काशी की जा रही है।

उन्होंने बताया कि ग्राउंड फ्लोर में फर्श, लाइट और बारीकियों का काम होना बाकी है। राममंदिर में रामलला की अचल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है जिसका निर्माण रामसेवकपुरम स्थित कार्यशाला में हो रहा है। नवंबर तक मूर्ति बनकर तैयार हो जाएगी। मंदिर सहित एक साथ 10 परियोजनाओं पर काम जारी है। मंदिर की लाइटिंग, आधुनिक शौचालय, तीन पावर स्टेशन, मंदिर का परकोटा, यात्री सुविधा केंद्र, रिटेनिंग वॉल का भी निर्माण साथ-साथ चल रहा है।

अष्टकोणीय गर्भगृह में होगी रामदरबार की स्थापना

राममंदिर के प्रथम तल के स्तंभों को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं भूतल (गर्भगृह) के ठीक ऊपर अष्टकोणीय गर्भगृह में रामदरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। रामदरबार जहां स्थापित होना है, वहां महापीठ का निर्माण शुरू हो चुका है। प्रथम तल पर राम सहित चारों भाईयों, हनुमानजी एवं माता सीता की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है।

2025 तक बन जाएगा तीन मंजिला राममंदिर

ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि 161 फीट ऊंचा राममंदिर 2025 तक पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। ट्रस्ट ने जो डेटलाइन तय की है, उसके तहत दिसंबर 2023 तक मंदिर का भूतल बन जाएगा। दिसंबर 2024 तक राममंदिर के प्रथम तल का काम पूरा हो जाएगा।

40 कारीगर स्तंभों पर उकेर रहे मूर्तियां

अयोध्या। राममंदिर के भूतल में करीब 166 स्तंभ लगाए गए हैं। इन स्तंभों पर विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। हर स्तंभ में 16-16 मूर्तियां लगाई जाएंगी। भूतल व प्रथम तल के स्तंभों पर कुल मिलाकर करीब 6400 मूर्तियों को आकार दिया जाना है। मूर्तियों के निर्माण के लिए स्तंभों में पहले से ही जगह बनाई गई है, इन्हें राजस्थान व उत्तरप्रदेश के करीब 40 कारीगर बना रहे हैं। 

55 हजार घन फीट पुराने पत्थरों का हुआ उपयोग

राममंदिर निर्माण में मंदिर आंदोलन के दौरान रामघाट स्थित कार्यशाला में तराशे गए पत्थरों का भी प्रयोग किया गया है। कार्यदायी संस्था के एक इंजीनियर ने बताया कि विहिप द्वारा स्थापित कार्यशाला में जो पत्थर तराशे गए थे। उनमें से 55 हजार घनफीट पत्थरों का उपयोग राममंदिर के भूतल में किया गया है। 90 के दशक में कार्यशाला में करीब 70 हजार घनफीट पत्थर तराशे गए थे, जिनमें स्तंभ आदि थे। उनमें से करीब 15 हजार घनफीट पत्थर लंबे समय तक खुले आसमान के नीचे होने के कारण निष्प्रयोज्य हो गए थे।



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